कतर की नाकेबंदी: प्रभावित हो सकता है भारतीयों का ट्रैवल प्लान

punjabkesari.in Tuesday, Jun 06, 2017 - 12:32 PM (IST)

नई दिल्लीः सऊदी अरब, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कतर से अपने कूटनीतिक संबंध तोड़ लिए हैं। इसके चलते अरब जगत में राजनीतिक और आर्थिक संकट की स्थिति तो पैदा हो ही गई है, इस विवाद का भारत पर भी असर हो सकता है।

कतर जाना होगा मुश्किल, महंगा
भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता कतर में रहने वाले भारतीयों को लेकर होगी। उनके लिए अरब क्षेत्र में यात्रा मुश्किल हो सकती है। हजारों भारतीय हर हफ्ते कतर एयरवेज का इस्तेमाल भारत और कतर के बीच या उस क्षेत्र के लिए यात्रा के लिए करते हैं। हालांकि कतर के लिए उड़ानें बंद नहीं होंगी। हां, उड़ानें लंबी और महंगी हो सकती हैं। दोहा पहुंचने में अब ज्यादा समय लगेगा क्योंकि सऊदी अरब और बहरीन जैसे देश कतर की उड़ानों पर पाबंदी लगा रहे हैं। 
PunjabKesari
एक भारतीय एयलाइन कंपनी के ऑपरेशंस हेड के हवाले से खबर दी है कि यूएई ने भारतीय एयरलाइंस कंपनियों से कह दिया है कि भारत-दोहा रूट वाली फ्लाइट्स को उनके एयर स्पेस से गुजारने के लिए अनुमति लेनी होगी। अगर यूएई इसकी अनुमति देता है तो विमान उस रूट से जा सकते हैं, वरना उत्तर और दक्षिण भारत से उड़ान भरनेवाली फ्लाइट्स को लंबी दूरी वाला रूट अपनाना होगा।’

बता दें कि जेट एयरवेज, एआई एक्सप्रेस और इंडिगो के साथ-साथ कतर एयरवेज भारत-दोहा के बीच उड़ानें संचालित करती है। सोमवार को कतर की नाकेबंदी के बाद खाड़ी देशों की कम-से-कम 6 एयरलाइंस कंपनियां अमीरात, इतिहाद, एयर अरबिया, फ्लाइ दुबई, सऊदी और गल्फ एयर, कतर से जुड़ी अपनी उड़ानें स्थायी तौर पर रद्द कर चुकी हैं।
PunjabKesari
तेल होगा महंगा?
फिलहाल भारत के लिए कच्चे तेल की कीमत पर बड़ा असर नहीं दिख रहा है। हालांकि कच्चे तेल की कीमतों में 1 फीसदी का इजाफा हो गया है। हालांकि भारत की कंपनी पेट्रोनेट एलएनजी का कहना है कि इससे गैस की सप्लाई पर कोई खास असर नहीं होगा। पेट्रोनेट में पेट्रोनेट एलएनजी भारत की सबसे बड़ी गैस आयातक कंपनी है। यह कंपनी सालाना 8.5 मिलियन टन एलएनजी की खरीद कतर से लॉन्ग टर्म करार के तहत करती है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News