नए साल से भारतीय जहाजों पर सिंगल यूज प्लास्टिक बैन

Sunday, Nov 03, 2019 - 04:46 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय जलक्षेत्र में जहाजों पर नए साल से सिंगल यूज प्लास्टिक नहीं ले जा सकेंगे। जहाज नए साल से एक ही बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक यानी एकल प्लास्टिक उत्पादों का इस्तेमाल बंद कर देंगे। इन उत्पादों में आइसक्रीम कंटेनर, हॉट डिश कप, माइक्रोवेव डिशेज और चिप्स के थैले आदि शामिल हैं।

विदेशी जहाजों पर भी लागू होगा नियम
नौवहन महानिदेशालय (Directorate General of Shipping) ने भारत को एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक उत्पादों से मुक्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर अमल करते हुए लोगों के व्यापक हित में यह निर्णय लिया है। महानिदेशालय ने कहा कि इस तरह के प्लास्टिक उत्पादों का इस्तेमाल न सिर्फ भारतीय जहाजों के लिए प्रतिबंधित होगा, बल्कि भारतीय जलक्षेत्र में मौजूद विदेशी जहाजों पर भी लागू होगा।

इन पदार्थों पर लगा बैन
प्रतिबंधित प्लास्टिक उत्पादों में थैले, ट्रे, कंटेनर, खाद्य पदार्थ पैक करने वाली फिल्म, दूध की बोतलें, फ्रीजर बैग, शैम्पू बोतल, पानी एवं अन्य पेय पदार्थों की बोतल, साफ-सफाई के द्रव्यों का छिड़काव करने वाले कंटेनर और बिस्किट के ट्रे आदि भी शामिल हैं। महानिदेशालय ने प्राधिकरणों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी भारतीय जहाज में एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक का कूड़े के डिब्बे में या किसी भी अन्य स्वरूप में नहीं पाया जाना सुनिश्चित करें।

उल्लंघन करने पर हो सकती है गिरफ्तारी भी
महानिदेशालय ने कहा कि इसकी अवमानना करने या बार-बार उल्लंघन किए जाने की स्थिति में गिरफ्तारी भी हो सकती है। महानिदेशालय ने कहा कि भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश करने से पहले विदेशी जहाजों को भी यह बताना पड़ेगा कि उनके पास एकल इस्तेमाल वाला प्लास्टिक तो नहीं है।

मछलियों से भी अधिक हो सकता है समुद्रों में प्लास्टिक
अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा गया है कि अधिकतर बंदरगाहों पर सिगरेट बड्स, प्लास्टिक बीवरेज बोतल, प्लास्टिक बोतलों की कैप, खान के रैपर्स, प्लास्टिक लिड्स आदि सबसे अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इंटरेनशनल मैरीटाइम संस्था की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर इसी रफ्तार से समुद्रों में प्लास्टिक डिस्पोज किया जाता रहा तो साल 2050 तक यह म​छलियों की संख्या से भी अधिक हो जाएगा।
 

jyoti choudhary

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