अमरीकी करंसी वॉचलिस्ट से बाहर हो सकता है भारतीय रुपया, ट्रेजरी विभाग ने दिए संकेत

Friday, Oct 19, 2018 - 10:59 AM (IST)

नई दिल्लीः अमरीका भारत को बहुत जल्द ही एक बड़ा झटका दे सकता है। अमरीकी ट्रेजरी विभाग अपने मुख्य ट्रेडिंग पार्टनर्स के लिए करंसी मॉनिटरिंग लिस्ट (विनिमय निगरानी सूची) से भारतीय करंसी को हटा सकता है। अमरीकी ट्रेजरी विभाग ने कहा है कि इसके लिए डिवैल्पमैंट के साथ-साथ नई दिल्ली से लिए गए कुछ अहम फैसले भी जिम्मेदार हैं। अप्रैल माह में ही अमरीका ने भारत को करंसी वॉचलिस्ट में शामिल किया था। भारत को ये मौका फॉरेन एक्सचेंज पॉलिसी को लेकर दिया गया था। भारत के साथ अमरीका ने इस लिस्ट में चीन, जर्मनी, जापान, दक्षिणा कोरिया और स्विट्जरलैंड को भी जगह दी थी।

अगली रिपोर्ट से पहले बाहर हो सकता है भारत 
अमरीकी ट्रेजरी विभाग ने मॉनिटरिंग लिस्ट में कोई बदलाव तो नहीं किया है लेकिन कहा है कि बीते 6 माह की तरह ही यदि भारत वही करता रहा तो अगले छमाही रिपोर्ट में भारत को इस लिस्ट से हटाया जा सकता है। ट्रेजरी ने कहा कि भारत की परिस्थितियों में स्पष्ट रूप से बदलाव आया है क्योंकि 2018 के पहले 6 महीनों में केन्द्रीय बैंक की विदेशी मुद्रा की शुद्ध बिक्री ने जून 2018 के माध्यम से चार तिमाहियों में शुद्ध खरीद का नेतृत्व 4 अरब डॉलर या जी.डी.पी. का 0.2 फीसदी कर दिया था।

ट्रेजरी ने गिनाए ये कारण
इस रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि वर्ष 2018 के पहले 6 महीनों में डॉलर के मुकाबले रुपए में करीब 7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि भारत और अमरीका के बीच कई महत्वपूर्ण व्यापारिक रिश्ते हैं। जून 2018 तक 4 वित्त वर्षों के दौरान दोनों देशों के बीच करीब 23 अरब डॉलर का व्यापार रहा है लेकिन भारत की मौजूदा राजकोषिय घाटा पूरी जी.डी.पी. का 1.9 फीसदी है जो चिंताजनक है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए ट्रेजरी विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 अधिनियम के मुताबिक तीन में से केवल एक क्राइटेरिया को पूरा करता है।
 

Supreet Kaur

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