2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर का होगा भारतीय रियल एस्टेट
punjabkesari.in Friday, Sep 28, 2018 - 01:17 PM (IST)
मुंबईः भारतीय रियल एस्टेट बाजार 2030 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा। केपीएमजी की रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक रियल एस्टेट बाजार एक लाख करोड़ डॉलर के आंकड़े को छू सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2014 के बाद से ही वैश्विक रियल एस्टेट में अपनी रैंकिंग में निरंतर सुधार करता आ रहा है, जिससे निवेशकों में विश्वास पैदा हुआ है।
भारत में केपीएमजी के हेड नीरज बंसल ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में यह वृद्धि किफायती आवास व को-वर्किंग स्थलों जैसी संपत्तियों की नई श्रेणी के उभरने से हुई है। उन्होंने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में रियल एस्टेट क्षेत्र का योगदान औसत सालाना 6-7 फीसदी से बढ़कर 2025 में इसका दोगुना हो जाने की उम्मीद है। साथ ही, इससे 6.6 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ समय से भारतीय रियल्टी क्षेत्र भारी तादाद में अनबिके मकानों, खरीदारों के विश्वास में कमी, परियोजनाओं में विलंब तथा नकारात्मक नकद प्रवाह की समस्या से जूझ रहा है। हालांकि पिछले दो वर्षों में घोषित विकास को बढ़ावा देने वाली कई नियामकीय गतिविधियों तथा पहल ने भविष्य में क्षेत्र की मजबूत वृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है।
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि साल 2018 में आए कुल निवेश में से लगभग 44 फीसदी विदेशी निवेशकों खासकर अमेरिका, कनाडा तथा सिंगापुर से आए। साथ ही, 90 फीसदी से अधिक विदेशी निवेश मुंबई, पुणे, बंगलूरू तथा हैदराबाद में किया गया। कुल मिलाकर, मुंबई सबसे पसंदीदा निवेश स्थल बनकर उभरा, जहां कुल 53 फीसदी (दो अरब डॉलर) निवेश किया गया।