भारतीय मूल के सांसदों को उम्मीद, US में ग्रीन कार्ड पर पाबंदी हटाएगा बिडेन प्रशासन

Sunday, Oct 11, 2020 - 05:15 PM (IST)

वाशिंगटन: अमेरिका में भारतीय मूल के सांसदों ने उम्मीद जताई है कि बिडेन प्रशासन ग्रीन कार्ड के लिए देशों की सीमा खत्म करेगा। गौरतलब है कि एच-1बी वीजा पर अमेरिकी जाने वाले भारतीय पेशेवरों को कानूनी स्थाई निवास हासिल करने में दशकों लग जाते हैं।


जानें क्या है ग्रीन कार्ड
ग्रीन कार्ड, जिसे आधिकारिक रूप से स्थाई निवास कार्ड कहा जाता है, अमेरिका में प्रवासियों को जारी किया गया एक दस्तावेज है, जिससे उन्हें वहां स्थाई रूप से निवास करने का विशेषाधिकार मिलता है। इससे एक गैर-अमेरिकी नागरिक को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने की अनुमति मिलती है। भारतीय आईटी पेशेवर आमतौर पर एच-1बी कार्य वीजा पर अमेरिका जाते हैं और मौजूदा आव्रजन प्रणाली से सबसे अधिक परेशानी उन्हें ही है क्योंकि ग्रीन कार्ड या स्थायी कानूनी निवास के आवंटन पर प्रति देश के लिए सात प्रतिशत कोटा है।


अत्यधिक कुशल प्रवासियों के लिए निष्पक्ष आव्रजन कानून के सह-प्रायोजक और डेमोक्रेटिक सांसद इलिनोइस राजा कृष्णमूर्ति ने शनिवार को कहा कि रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए देशों की सीमा खत्म करने से भारतीय आईटी पेशेवरों का लंबा इंतजार खत्म होगा, जिन्हें यहां आईटी उद्योग में प्रतिभा की कमी को पूरा करने के लिए लाया जाता है।


इस कानून को पारित करने में होेंगे सक्षम
कृष्णमूर्ति ने एक आभासी चर्चा के दौरान कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि जो बिडेन प्रशासन के तहत, हम सीनेट के माध्यम से इस कानून को पारित करने में सक्षम होने जा रहे हैं।’ चर्चा का संचालन भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिच वर्मा ने किया। इस चर्चा में भारतीय मूल के सांसद एमी बेरा, प्रमिला जयपाल और रो खन्ना भी मौजूद थे। उन्होंने भी भारतीय पेशेवरों के लिए ग्रीन कार्ड का कोटा बढ़ाने की वकालत की।
 

rajesh kumar

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