मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सुस्त रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार!

Sunday, Nov 03, 2019 - 02:59 PM (IST)

नई दिल्लीः मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अर्थव्यवस्था के सुस्त रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) का अनुमान है कि साल 2020-24 के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था में जीडीपी वृद्धि दर 6.6 फीसदी रह सकती है।

संगठन का कहना है कि भारत 2013-17 की 7.7 फीसदी की तुलना में जीडीपी में अनुमानित रूप से कम दर से बढ़ोतरी करेगा। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार भारत के बैंकिंग सेक्टर के फिर से मजबूत होने का भी अनुमान जताया गया है। संगठन की तरफ से ये बातें बैंकॉक में आयोजित आसियान समिट में दक्षिण पूर्व एशिया, चीन और भारत 2020 के आर्थिर परिदृश्य में कही गईं।

इसमें बताया गया है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर तनाव जारी रहने का अनुमान है। इससे विकसित अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक रूप से सुस्ती की स्थिति बनी रहेगी। इसके अतिरिक्त निर्यात की संभावनाओं को लेकर अनिश्चितता बढ़ेगी। इसमें खपत पर भरोसा जारी रहने की बात कही गई है।

वहीं व्यापक औपचारिक श्रम से इस बात के संकेत हैं कि खपत के मजबूत होने की गुंजाइश बनी हुई है। संगठन ने क्षेत्रीय जीडीपी के 2020-2024 के दौरान 5.7 फीसदी की दर से वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया है। मालूम हो कि इससे पहले रेटिंग एजेंसी फिच और आईएमएफ ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार में कमी का अनुमान जताया था।

6.1% रहने का अनुमान
फिच ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि की अनुमानित दर को 6.6 फीसदी से घटा कर 5.5 फीसदी रहने की बात कही थी। एजेंसी का कहना था कि भारत में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में संकट के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। रेटिंग एजेंसी का कहना था कि मोदी सरकार की तरफ से कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती का असर धीरे-धीरे आर्थिक रफ्तार पर दिखाई देगा।

एजेंसी का कहना था कि भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापक रूप से अभी कमजोर दिखाई दे रही है। इसमें घरेलू मांग के साथ ही विदेशों से मांग में भी कमजोरी देखने को मिल रही है। इससे पहले आईएमएफ ने भी साल 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी की अनुमानित वृद्धि दर के 6.1 फीसदी रहने की बात कही थी।

jyoti choudhary

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