''चीन की कम्पनियों को पछाडऩे की कगार पर भारतीय कम्पनियां''

Tuesday, Aug 02, 2016 - 05:54 PM (IST)

सिंगापुरः अवसंरचनात्मक बाधाओं के बावजूद शीर्ष 10 भारतीय कम्पनियां चीन की शीर्ष 10 कम्पनियों को पछाडऩे की कगार पर हैं। वैश्विक साख निर्धारक एजैंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की आज जारी 2 रिपोर्टों में यह बात कही गई है। एक रिपोर्ट में चीन की और भारत की शीर्ष कम्पनियों की तुलना की गई है जबकि दूसरी में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए मजबूत अवसंरचना की जरूरत पर बल दिया गया है। 

 

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के साख विश्लेषक मेहुल सुकावला ने कहा, "बाजार पूंजीकरण के आधार पर दोनों देशों की शीर्ष 200 कम्पनियों के विश्लेषण से पता चला है कि भारत के मुकाबले चीन की सूचीबद्ध कम्पनियों में सरकारी दखलअंदाजी काफी ज्यादा है। इससे कम्पनी की पूंजीगत लागत कम करने की क्षमता सीधे तौर पर प्रभावित होती है, उनका मुनाफा कम होता है तथा लीवरेज बढ़ता है।"

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के निजी क्षेत्रों में बड़ा अंतर है। शीर्ष 200 भारतीय कम्पनियों के कुल शुद्ध डेट तथा कर पूर्व लाभ में निजी कम्पनियों का योगदान 75 प्रतिशत है जबकि चीन के मामले में उनका योगदान महज 20 प्रतिशत है। रिटर्न तथा इसमें निरंतरता के मामले में भारत की निजी कम्पनियां देश की सरकारी तथा चीन की कम्पनियों दोनों से आगे हैं।  

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