भारतीय कंपनियों ने 2015 में किए 20 अरब डॉलर के विलय-अधिग्रहण सौदे

Friday, Dec 25, 2015 - 03:42 PM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय कंपनियों के बोर्डरूम में इस साल सौदों को लेकर गतिविधियां सुस्त रही। 2015 में भारतीय कंपनियों के विलय एवं अधिग्रहण (एमएंडए) सौदों का आंकड़ा 20 अरब डॉलर रहा। 

विशेषज्ञों को उम्मीद है कि 2016 में विलय एवं अधिग्रहण बाजार में तेजी देखने को मिलेगी। इससे पिछले साल यानी 2014 में विलय एवं अधिग्रहण सौदों का आंकड़ा 33 अरब डॉलर रहा था। इस तरह 2015 में इनमें 40 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज हुई। सलाहकार और विश्लेषक 2016 में 30 अरब डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण सौदों की उम्मीद कर रहे हैं।   

विशेषज्ञों का मानना है कि विलय एवं अधिग्रहण गतिविधियों को देश के नियामकीय ढांचे में बदलाव से काफी प्रोत्साहन मिल सकता है। मसलन नया दिवाला कानून, मंजूरियों की रफ्तार में तेजी तथा कई क्षेत्रों बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र दूरसंचार, बीमा और रक्षा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों में ढील। 

वैश्विक परामर्शक कंपनी पीडब्ल्यूसी के अनुसार 2015 में विलय एवं अधिग्रहण सौदों का मूल्य 20 अरब डॉलर रहा, जो 2014 में 33 अरब डॉलर था। उनका कहना है कि सौदों में कमी की वजह घरेलू सौदों में कमी, कंपनियों के बहीखातों की कमजोर स्थिति तथा महंगी विदेशी परिसंपत्तियां आदि रहीं।  

वर्ष 2014 में घरेलू सौदों का आंकड़ा उल्लेखनीय रूप से काफी ऊंचा यानी 19 अरब डॉलर का रहा था। उस साल सन-रैनबैक्सी और कोटक-आईएनजी वैश्य जैसे बड़े सौदे हुए थे लेकिन इस साल स्थिति कुछ भिन्न है। घरेलू सौदों का आंकड़ा सिर्फ 7.3 अरब डॉलर का रहा है। 

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