2030 तक जर्मनी और जापान को पछाड़ेगा भारत, बनेगी तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था

Wednesday, Oct 24, 2018 - 10:47 AM (IST)

नई दिल्लीः आने वाले एक दशक में भारत दुनिया की शीर्ष 3 तीन बड़ी आर्थिक शक्तियों में शामिल हो जाएगा। एच.एस.बी.सी. ग्लोबल रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। भारत बड़ी अर्थव्यवस्था के मामले में वर्ष 2030 तक जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ते हुए आगे निकल जाएगा। इस मामले में भारत फिलहाल 5वें पायदान पर है। 

रिपोर्ट के मुताबिक एक दशक में चीन का आर्थिक प्रभुत्व और बढ़ेगा। पड़ोसी देश अमरीका को पछाड़ कर दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन जाएगा। एच.एस.बी.सी. ग्लोबल रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में इस अवधि में यूरोपीय देशों को सबसे ज्यादा नुक्सान होने की बात कही गई है।

डेनमार्क और नार्वे की मौजूदा आर्थिक स्थिति में सबसे ज्यादा गिरावट
रिपोर्ट में आने वाले दशक में यूरोपीय देशों डेनमार्क और नार्वे की मौजूदा आर्थिक स्थिति में सबसे ज्यादा गिरावट आने की बात कही गई है। डेनमार्क 9वें और नार्वे 10वें स्थान पर खिसक जाएगा। दूसरी तरफ आर्थिक प्रगति के मामले में एशियाई देशों का प्रदर्शन विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कहीं बेहतर रहने की उम्मीद जताई गई है। आर्थिक प्रगति के मामले में बंगलादेश और फिलीपीन्स को आने वाले दशक में सबसे अधिक लाभ होने की बात कही गई है। ये दोनों देश कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं को पछाड़ते हुए नया मुकाम हासिल कर सकते हैं।

युवा जनसंख्या का लाभ
भारत समेत एशिया के कई विकासशील देशों की आबादी में युवाओं की भागीदारी बहुत अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन देशों को कार्यशील आबादी में युवाओं की भागीदारी का लाभ मिलेगा। विकसित देशों के हालात इससे विपरीत हैं। अमरीका, जापान, जर्मनी समेत अनेक विकसित देशों की आबादी की औसत उम्र में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार वैसे देश जहां प्रति व्यक्ति जी.डी.पी. कम है, लेकिन जनसंख्या तुलनात्मक रूप से युवा है, उन देशों में विकास की रफ्तार अपेक्षाकृत अधिक रहेगी।

वैश्विक आर्थिक विकास की गति होगी धीमी
रिपोर्ट में वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति धीमी रहने की बात कही जा रही है। आने वाले एक दशक में वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर 3 प्रतिशत से भी कम रहेगी। पिछले एक दशक में वैश्विक जी.डी.पी. में विकासशील देशों की भागीदारी तकरीबन 50 प्रतिशत तक रही है। वहीं, आने वाले दशक में इसके 70 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है।

jyoti choudhary

Advertising