भारत ने की तापी पाइपलाइन गैस की कीमतों में संशोधन की मांग

Wednesday, Aug 22, 2018 - 02:46 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत ने 10 अरब डॉलर की प्रस्तावित तापी पाइपलाइन से आपूर्ति की जाने वाली प्राकृतिक गैस का मूल्य फिर से तय करने या संशोधित करने की मांग की है। वैश्विक ऊर्जा बाजार में गिरावट के मुद्देनजर यह मांग की गई है। एक शीर्ष सूत्र ने यह जानकारी दी।

पाइपलाइन परियोजनाओं के लिए चार देशों तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (तापी) ने 2013 में गैस बिक्री खरीद समझौते (जीएसपीए) पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत तुर्कमेनिस्तान को मौजूदा कच्चे तेल की कीमत के 55 प्रतिशत पर प्राकृतिक गैस का निर्यात करना होगा। इसके चलते तुर्कमेनिस्तान सीमा पर गैस की कीमत करीब 7.5 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) होगी। सूत्र ने कहा कि पारगमन एवं परिवहन शुल्क लगने के बाद भारतीय सीमा पर इसकी कीमत बढ़कर 10.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू हो जाएगी। स्थानीय कर और परिवहन शुल्क जोड़ने पर इसकी कीमत ग्राहकों के लिए करीब 13 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू होगी।

सूत्र ने कहा, वैश्विक ऊर्जा बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह दर वाजिब नहीं है और इसलिए भारत ने वर्तमान गैस बाजार को ध्यान में रखते हुए जीएसपीए पर फिर से चर्चा का प्रस्ताव किया है। तुर्कमेनिस्तान गैस का मूल्य भारत में प्राकृतिक गैस उत्पादकों को भुगतान की जाने वाली दर 3.6 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के दोगुने से अधिक है। चारों देशों के शीर्ष नेताओं ने दिसंबर 2015 में परियोजना के निर्माण का काम शुरू किया था लेकिन उस पर बहुत धीमी गति से काम हो रहा है। सूत्र ने कहा कि परियोजना की आर्थिक व्यवहार्यता, आपूर्ति की सुरक्षा और ऋण एवं इक्विटी को लेकर करार जैसे मुद्दे नहीं सुलझने के कारण परियोजना आगे नहीं बढ़ पा रही है।      

Supreet Kaur

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