भारत का वाहन निर्यात 19% बढ़कर 53 लाख यूनिट के पार, वैश्विक बाजार में दिखी जबरदस्त मांग

punjabkesari.in Monday, Apr 21, 2025 - 01:51 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः विदेशी बाजारों में भारतीय वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता और मजबूत मांग ने वित्त वर्ष 2024-25 में देश के वाहन निर्यात को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में कुल वाहन निर्यात 19 प्रतिशत की बढ़त के साथ 53.63 लाख यूनिट तक पहुंच गया, जो अब तक का एक प्रमुख रिकॉर्ड है। यात्री वाहनों, दोपहिया और वाणिज्यिक वाहनों के निर्यात में यह वृद्धि वैश्विक बाजार में भारतीय ऑटोमोबाइल की विश्वसनीयता और प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाती है।

पिछले वित्त वर्ष में यात्री वाहनों का निर्यात 15 प्रतिशत बढ़कर 7,70,364 इकाई हो गया, जबकि 2023-24 में यह 6,72,105 इकाई था। उद्योग निकाय सियाम ने कहा कि भारत में बनने वाले वैश्विक मॉडल की मांग के कारण इस खंड ने पिछले वित्त वर्ष में अपना सर्वश्रेष्ठ वार्षिक प्रदर्शन दर्ज किया। 

सायम ने कहा कि विनिर्माण गुणवत्ता में सुधार के साथ, कुछ कंपनियों ने विकसित बाजारों में निर्यात भी शुरू कर दिया है। यूटिलिटी वाहनों के निर्यात में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई और यह 3,62,160 इकाई रहा। वित्त वर्ष 2023-24 के 2,34,720 इकाई की तुलना में यह 54 प्रतिशत की वृद्धि है। पिछले वित्त वर्ष में दोपहिया वाहनों का निर्यात 21 प्रतिशत बढ़कर 41,98,403 इकाई रहा, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 34,58,416 इकाई था। 

सायम ने कहा कि नए मॉडल और नए बाजारों ने दोपहिया वाहनों के निर्यात के दायरे को बढ़ाने में मदद की है। इसके अलावा अफ्रीकी क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता और लातिनी अमेरिका में मांग ने इस वृद्धि को समर्थन दिया है। वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 2024-25 में तिपहिया वाहनों के निर्यात में दो प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 3.1 लाख इकाई रहा।

पिछले वित्त वर्ष में वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात 23 प्रतिशत बढ़कर 80,986 इकाई रहा, जबकि इससे पिछले साल यह 65,818 इकाई था। वाहन विनिर्माताओं के संगठन ने कहा कि अफ्रीका और पड़ोसी देशों जैसे प्रमुख बाजारों में निर्यात मांग जारी रहने की संभावना है, क्योंकि ‘मेड इन इंडिया’ वाहनों की पहुंच बढ़ रही है। 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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