2047 तक भारत का रियल एस्टेट बनेगा 5–10 ट्रिलियन डॉलर का सेक्टर: रिपोर्ट

punjabkesari.in Friday, Sep 12, 2025 - 03:03 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत का रियल एस्टेट सेक्टर 2047 तक 5–10 ट्रिलियन डॉलर के स्तर तक पहुंच सकता है और यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग एक-पांचवां हिस्सा योगदान देगा। यह अनुमान कोलियर्स और कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CREDAI) की संयुक्त रिपोर्ट में लगाया गया है।

वर्तमान में भारत का GDP करीब 4 ट्रिलियन डॉलर है, जो 2047 तक 35–40 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इस समय रियल एस्टेट का मूल्य 0.3 ट्रिलियन डॉलर (GDP का 6–8%) है, जो बढ़कर 14–20% तक पहुंच सकता है। इसे शहरीकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी इस वृद्धि के प्रमुख कारण बताए गए हैं।

आने वाले वर्षों में डेवलपर्स का ध्यान नए सेगमेंट्स की ओर भी बढ़ेगा। डेटा सेंटर्स की क्षमता 2025 के 1.3 गीगावॉट से बढ़कर 2047 तक 10–15 गीगावॉट हो सकती है। इसी दौरान को-लिविंग बेड्स 0.3 मिलियन से बढ़कर 3 मिलियन से अधिक और सीनियर लिविंग बेड्स 0.03 मिलियन से बढ़कर 1 मिलियन तक पहुंच सकते हैं।

रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) की भूमिका भी काफी बड़ी हो जाएगी। अभी रियल एस्टेट मार्केट कैपिटलाइजेशन में REITs की हिस्सेदारी 10% है, जो 2047 तक 40–50% तक पहुंच सकती है। ऑफिस REIT की हिस्सेदारी 2025 के 16% से बढ़कर 2047 तक 60% से अधिक होने की संभावना है।

CREDAI के अध्यक्ष शेखर पटेल का कहना है कि 2047 तक भारतीय रियल एस्टेट का आकलन केवल स्क्वायर फीट या एसेट वैल्यू से नहीं होगा, बल्कि इससे नागरिकों के लिए बनाई गई जीवन-गुणवत्ता से होगा।


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Content Writer

jyoti choudhary

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