Steel के मामले में भारत की बढ़ी चीन पर निर्भरता, छह साल में सबसे ज्यादा आयात

Wednesday, Feb 28, 2024 - 12:14 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः स्टील आयात मामले में भारत की चीन पर निर्भरता बढ़ी है। वहीं चीन में शिपमेंट बढ़ने से भारत का अप्रैल-जनवरी में स्टील आयात छह साल के हाई लेवल पर है। सरकारी आंकड़ों के हवाले से रॉयटर्स की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसके अनुसार चीन में शिपमेंट बढ़ने से कारोबारी साल के पहले 10 महीनों में भारत का स्टील आयात छह साल के हाई लेवल पर पहुंच गया और इस दौरान तैयार स्टील का आयातक बना रहा।

देश अपने निर्माण और ऑटोमोटिव क्षेत्रों में मजबूत मांग के चलते भारत जो कि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चे इस्पात का उत्पादक है, में स्टील की मांग में मजबूती देखी गई। इस अवधि के दौरान भारत में स्टील की खपत 14.5% बढ़कर छह साल के उच्चतम स्तर 112.5 मिलियन मीट्रिक टन पर पहुंच गई, जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक में मिश्र धातु की भारी मांग को दर्शाता है।

इस्पात मांग मजबूत रहने की संभावना

भारत की इस्पात मांग मजबूत रहने की संभावना है क्योंकि सरकार को उम्मीद है कि अगले वित्तीय वर्ष में आर्थिक वृद्धि वैश्विक अर्थव्यवस्था से आगे निकल जाएगी। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ने अप्रैल और जनवरी के बीच 6.7 मिलियन मीट्रिक टन तैयार स्टील का आयात किया, जो एक साल पहले की तुलना में 35 फीसदी अधिक है।

चीन अप्रैल और जनवरी के बीच भारत को तैयार स्टील का शीर्ष निर्यातक था, जिसने 2.18 मिलियन मीट्रिक टन मिश्र धातु की शिपिंग की, जो एक साल पहले की समान अवधि से 80% अधिक थी और छह साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।

चीन मुख्य रूप से हॉट-रोल्ड और कोल्ड-रोल्ड स्टील उत्पादों का निर्यात करता था, इसके बाद गैल्वनाइज्ड प्लेन और नालीदार शीट के साथ-साथ प्लेट और पाइप भी निर्यात करता था।

दक्षिण कोरिया दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक

दक्षिण कोरिया दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक था, जिसका भारत में तैयार स्टील का शिपमेंट इस अवधि के दौरान चार साल के उच्चतम स्तर 2.15 मिलियन मीट्रिक टन पर पहुंच गया। अप्रैल और जनवरी के बीच भारत का तैयार स्टील निर्यात 5.5 मिलियन मीट्रिक टन था, जो साल दर साल 3.6 फीसदी अधिक था। कच्चे इस्पात का उत्पादन 119 मिलियन मीट्रिक टन रहा, जो एक साल पहले से 13.5 फीसदी अधिक है।

jyoti choudhary

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