भारत का पश्चिमी देशों को करारा जवाब: "हम कठपुतली नहीं, अपनी अर्थव्यवस्था का खुद रखेंगे ध्यान"
punjabkesari.in Monday, Jul 28, 2025 - 04:59 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत ने रूस से तेल खरीदने को लेकर पश्चिमी देशों की आलोचना पर दो-टूक जवाब दिया है। ब्रिटेन में भारत के राजनयिक विक्रम दोरईस्वामी ने साफ कहा है कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को लेकर किसी के दबाव में नहीं आएगा। उन्होंने कहा, "हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता हैं और अपनी अर्थव्यवस्था को खतरे में डालने का सवाल ही नहीं उठता।"
भारत ने साफ कर दिया है कि वह किसी की कठपुतली नहीं है और अपनी आर्थिक नीति स्वविवेक से तय करेगा। रूस से तेल खरीदने पर प्रतिबंध लगाने की मांगों को खारिज करते हुए भारत ने ऊर्जा सुरक्षा को सर्वोपरि बताया है।
भारत की ऊर्जा निर्भरता
दोरईस्वामी ने बताया कि भारत को अपनी जरूरत का 80% से अधिक तेल विदेशों से आयात करना पड़ता है। ऐसे में वैश्विक राजनीतिक दबाव या प्रतिबंधों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता लेकिन भारत की प्राथमिकता अपनी जनता और अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखना है। उन्होंने तीखे लहजे में पूछा, "क्या हम अपनी अर्थव्यवस्था को बंद कर दें?"
तंज में जवाब: वफादारी का सर्टिफिकेट चाहिए क्या?
भारत के डिप्लोमैट ने पश्चिमी देशों पर परोक्ष रूप से तंज कसा कि कुछ देश अपने हितों के लिए चुनिंदा दोस्तियां करते हैं लेकिन वही देश दूसरों पर दवाब बनाते हैं। दोरईस्वामी ने कहा, "क्या अब हमसे वफादारी का सर्टिफिकेट मांगा जाएगा?"
यूरोपीय यूनियन का ताजा बैन
यूरोपीय यूनियन (EU) ने रूस पर 18वें दौर के प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें भारत की वाडिनार रिफाइनरी भी शामिल है। यह रिफाइनरी रूस की कंपनी रोसनेफ्ट से जुड़ी है और रिलायंस इंडस्ट्रीज भी इससे तेल खरीदती है। नए प्रतिबंधों से रिफाइंड ऑयल के व्यापार और समुद्री जहाजों पर सीधा असर पड़ा है।