भारत ब्रिक्स करेंसी का समर्थन नहीं करेगा, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का दो टूक बयान
punjabkesari.in Wednesday, Feb 05, 2025 - 11:19 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः आईटी-बीटी राउंड टेबल 2025 में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ब्रिक्स करेंसी को लेकर भारत के रुख को साफ-साफ जाहिर किया। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत ब्रिक्स करेंसी के किसी भी प्रस्ताव का समर्थन नहीं करता है। पीयूष गोयल ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का चीन जैसी अर्थव्यवस्था के साथ कोई साझा करेंसी अपनाने का इरादा नहीं है। उनके अनुसार, ब्रिक्स करेंसी पर विचार करना ही असंभव है।
भारत की रणनीति: सोच-समझकर बढ़ते कदम
भारत का यह रुख उसकी व्यापक आर्थिक रणनीति का हिस्सा है। एक तरफ भारत अमेरिका के साथ अपने मजबूत आर्थिक संबंधों को बनाए रख रहा है, वहीं दूसरी ओर ब्रिक्स में शामिल देशों के साथ भी संतुलन साध रहा है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी पहले कहा था कि "अमेरिकी डॉलर को बदलने से भारत को कोई बड़ा फायदा नहीं दिखता," हालांकि उन्होंने रूस जैसे देशों के साथ लोकल करेंसी में व्यापारिक सेटलमेंट को समर्थन देने की बात कही थी।
ब्रिक्स में बढ़ रहा आसियान का प्रभाव
जनवरी 2025 में इंडोनेशिया को दसवें सदस्य के रूप में ब्रिक्स में शामिल किया गया, जबकि नाइजीरिया को साझेदार देश का दर्जा दिया गया। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के इस ब्लॉक में अब मलेशिया, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देश भी शामिल होने की इच्छा जता चुके हैं। यह ब्रिक्स में आसियान देशों के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
ब्रिक्स करेंसी पर विभाजित रुख
जहां रूस और चीन ब्रिक्स करेंसी को आगे बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, वहीं भारत और ब्राजील इसके आर्थिक जोखिमों को लेकर सतर्क हैं। दोनों देशों को अमेरिकी वित्तीय प्रणाली से दूरी बनाने के संभावित नतीजों की चिंता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा था, "अगर ब्रिक्स देश नई करेंसी लॉन्च करते हैं या किसी वैकल्पिक करेंसी का समर्थन करते हैं, तो उन पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा।"