स्टार्टअप की दुनिया में एक बार भारत ने चीन को पछाड़ा, लगातार दूसरे साल बने 23 यूनिकॉर्न

Wednesday, Mar 15, 2023 - 07:05 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः देश में 2022 में 23 कंपनियों को यूनिकॉर्न का दर्जा मिला है जो चीन की तुलना में कहीं अधिक है। बीते वर्ष चीन में एक अरब डॉलर के मूल्यांकन वाले ऐसे स्टार्टअप की संख्या महज 11 रही। यह लगातार दूसरी बार है जब इस मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ा है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।

आईवीसीए-बेन एंड कंपनी की रिपोर्ट में बताया गया कि अब भारत में उच्च मूल्य वाली इन कंपनियों की संख्या 96 हो गई है। हालांकि इस वर्ष यूनिकॉर्न बनने वाली कंपनियों की संख्या 2021 के मुकाबले लगभग आधी है। उस समय देश में 44 यूनिकॉर्न बने थे और उस वर्ष इनकी कुल संख्या 73 पर पहुंच गई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष 23 यूनिकॉर्न में से नौ शीर्ष तीन महानगरों को छोड़कर दूसरे शहरों से हैं। यह बताता है कि वित्तपोषण अब छोटे शहरों में काम करने वाले स्टार्टअप को भी मिल रहा है। कुल वित्तपोषण में छोटे शहरों के स्टार्टअप को मिलने वाला वित्तपोषण 18 प्रतिशत बढ़ गया है। इसमें कहा गया कि 2022 में व्यापक आर्थिक अनिश्चितता और मंदी की आशंका बढ़ने से निवेश की गति प्रभावित हुई और देश में उद्यम पूंजी निवेश घट गया। प्रतिकूल परिस्थितियों के हावी होने से निवेश की गति साल की दूसरी छमाही में ज्यादा प्रभावित हुई।

बेन एंड कंपनी ने यह वार्षिक रिपोर्ट इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) के साथ मिलकर तैयार की है। इसमें कहा गया कि घरेलू स्टार्टअप परिवेश में सौदे के मूल्य में 33 प्रतिशत का संकुचन आने के बावजूद देश 23 यूनिकॉर्न जोड़ पाया है। सौदे का मूल्य 2021 के 38.5 अरब डॉलर से घटकर 2022 में 25.7 अरब डॉलर रह गया।

बेन एंड कंपनी में साझेदार अर्पण सेठ ने कहा कि आगे जाकर भी व्यापक आर्थिक प्रतिकूल परिस्थितियां वित्त पोषण को प्रभावित करेंगी लेकिन 2023 में देश में और अधिक जुझारू परिवेश बनने की उम्मीद भी है। आईवीसीए के अध्यक्ष रजत टंडन ने कहा, ‘‘उद्योग की दीर्घकालिक वृद्धि की संभावनाओं और अनिश्चितताओं से पार पाकर अवसरों की पहचान करने की उसकी क्षमता को लेकर हम आशावादी हैं।''

Yaspal

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