भारत–न्यूजीलैंड FTA पर लगी मुहर, टैरिफ फ्री ट्रेड की शुरुआत, सर्विस सेक्टर और MSMEs को मिलेगा बड़ा मौका

punjabkesari.in Monday, Dec 22, 2025 - 03:20 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत और न्यूजीलैंड ने आपसी व्यापार और निवेश को नई ऊंचाई देने के लिए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को अंतिम रूप दे दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद इस अहम समझौते की औपचारिक घोषणा की गई। दोनों नेताओं ने कहा कि यह करार ट्रेड, इन्वेस्टमेंट, इनोवेशन और साझा विकास के नए अवसर खोलेगा।

इस समझौते की नींव मार्च 2025 में पड़ी थी, जब न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री भारत दौरे पर आए थे। अब यह करार दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे बाजार तक पहुंच आसान होगी, निवेश को बढ़ावा मिलेगा और रणनीतिक सहयोग भी गहरा होगा।

FTA की प्रमुख खासियतें

इस समझौते के लागू होने के बाद न्यूजीलैंड में भारतीय उत्पादों पर किसी तरह का आयात शुल्क नहीं लगेगा यानी दोनों देशों के बीच व्यापार पूरी तरह टैरिफ-फ्री हो जाएगा। इसका सीधा फायदा किसानों, MSMEs, कारीगरों, मजदूरों, महिलाओं द्वारा संचालित व्यवसायों और युवाओं को मिलेगा।

कपड़ा, परिधान, चमड़ा और फुटवियर जैसे रोजगार-प्रधान उद्योगों के साथ-साथ इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, फार्मा, केमिकल और प्लास्टिक सेक्टर को भी इस समझौते से बड़ा फायदा होगा।

5 साल में व्यापार दोगुना करने का लक्ष्य

यह एफटीए सामानों, सेवाओं, निवेश और लोगों की आवाजाही को आसान बनाएगा। दोनों देशों ने अगले पांच साल में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत न्यूजीलैंड ने भारत में अगले 15 सालों में करीब 20 अरब डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। यह निवेश मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, सेवाओं, इनोवेशन और रोजगार सृजन को गति देगा।

किसानों की आय बढ़ाने पर खास जोर

इस समझौते से भारतीय किसानों को न्यूजीलैंड के बाजार में फल, सब्जियां, कॉफी, मसाले, अनाज और प्रोसेस्ड फूड बेचने के बेहतर मौके मिलेंगे। कृषि उत्पादकता साझेदारी, उत्कृष्टता केंद्र और न्यूजीलैंड की आधुनिक कृषि तकनीकों तक पहुंच से किसानों की उत्पादकता और आय दोनों बढ़ने की उम्मीद है। बागवानी उत्पादों जैसे शहद, कीवी और सेब के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।

सर्विस सेक्टर को मिलेगा बड़ा मौका

आईटी, फाइनेंस, एजुकेशन, टूरिज्म और कंस्ट्रक्शन जैसे सर्विस सेक्टर के लिए भी यह समझौता नए रास्ते खोलेगा। न्यूजीलैंड ने भारत को 118 सर्विस सेक्टर में बाजार पहुंच और 139 सेक्टर में MFN दर्जा दिया है, जबकि भारत ने न्यूजीलैंड को 106 सेक्टर में बाजार पहुंच और 45 सेक्टर में MFN स्टेटस दिया है। यह न्यूजीलैंड का किसी देश के साथ अपनी तरह का पहला व्यापक समझौता है।

मौजूदा व्यापार स्थिति

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच माल का व्यापार करीब 1.3 अरब डॉलर रहा, जबकि 2024 में वस्तुओं और सेवाओं का कुल व्यापार लगभग 2.4 अरब डॉलर था। इस एफटीए के बाद इन आंकड़ों में तेज बढ़ोतरी की उम्मीद है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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