भारत व्यापार समझौतों में किसानों, MSME के हित सुरक्षित रखने को प्रतिबद्धः सरकारी सूत्र
punjabkesari.in Monday, Sep 08, 2025 - 05:49 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत किसी भी द्विपक्षीय व्यापार समझौते को ‘समान, न्यायसंगत और संतुलित' बनाना चाहता है क्योंकि सरकार किसानों और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह बात कही। यह बयान ऐसे समय आया है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लगा दिया है। इससे अमेरिकी बाजार में माल भेजने वाले निर्यातकों के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है।
सरकारी सूत्रों ने कहा, ‘‘भारत अपनी प्राथमिकताओं, खासकर किसानों, मछुआरों, एमएसएमई क्षेत्र और डेयरी को ध्यान में रखते हुए बेहद संवेदनशीलता के साथ काम करता है। इन सभी बिंदुओं को देखते हुए भारत वैश्विक स्तर पर द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाना चाहता है। (लेकिन) इसमें परस्परता होनी चाहिए और यह समान, न्यायसंगत और संतुलित होना चाहिए।'' भारत इस समय यूरोपीय संघ समेत कई देशों के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है। इसके अलावा भारत की द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर अमेरिका के साथ भी बात चल रही है। हालांकि, शुल्क मुद्दों पर जुड़े तनाव के बीच इस समझौते पर बातचीत फिलहाल रुक गई है।
अमेरिकी दल को छठे दौर की वार्ता के लिए 25 अगस्त को भारत आना था लेकिन शुल्क संबंधी घोषणाओं के बीच उसने इस यात्रा को टाल दिया। अभी नई तारीख की घोषणा भी नहीं की गई है। भारत कृषि एवं डेयरी क्षेत्र को खोले जाने की अमेरिकी मांग को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। इसी वजह से दोनों पक्षों के बीच गतिरोध पैदा हो गया है। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच वस्तु व्यापार 131.8 अरब डॉलर का रहा। इसमें भारत का निर्यात 86.5 अरब डॉलर और आयात 45.3 अरब डॉलर था। इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार अमेरिकी शुल्क से प्रभावित भारतीय निर्यातकों के लिये एक व्यापक पैकेज पर काम कर रही है और इसका आकलन करने के लिये बहु-विभागीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।