खाद्य सुरक्षा मुद्दे पर भारत ने WTO में व्यक्त की ''गहरी चिंता''

Wednesday, Dec 13, 2017 - 03:27 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत ने खाद्यान्न के सार्वजनिक भंडारण के मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए प्रतिबद्धता से इनकार करने के प्रमुख सदस्य देश के फैसले पर डब्ल्यूटीओ की मंत्री स्तरीय वार्ता में गहरी निराशा व्यक्त की है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की यहां चल रही मंत्री स्तरीय वार्ता में अमरीका ने खाद्यान्न के सार्वजनिक भंडारण के मुद्दे के स्थायी समाधान के प्रयासों में शामिल होने से इनकार कर दिया था। भारत इस मुद्दे पर स्थायी समाधान खोजने के प्रयास में जुटा है।

एक आधिकारिक बयान में अमरीका का नाम लिए बगैर कहा गया, भारत इस कदम से हैरान है और निराश है कि सदस्यों के भारी बहुमत के बावजूद एक प्रमुख सदस्य देश दुनिया के सबसे गरीब देशों की भूख मिटाने के लिए समाधान खोजने की अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हट गया है। दो साल पहले उसने इस मुद्दे पर स्थायी समाधान खोजने की  प्रतिबद्धता जताई थी। इसमें कहा गया, एक प्रमुख देश ने 11वीं मंत्री स्तरीय वार्ता में कहा कि वह खाद्य भंडारण के मुद्दे पर स्थायी समाधान से सहमत नहीं है। इससे सम्मेलन के सफल समापन पर भी गंभीर खतरा मंडराने लगा है। मंत्रिस्तरीय सम्मेलन विश्व व्यापार संगठन का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है। डब्ल्यूटीओ की चार दिवसीय बैठक रविवार को शुरू हुई थी और बुधवार को खत्म होगी।

भारत बार बार कहता रहा है कि खाद्यान्न के सार्वजनिक भंडारण के मुद्दे पर स्थायी समाधान निकालना ही होगा क्योंकि यह पूरी दुनिया भर के 80 करोड़ लोगों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल बैठक में शामिल होने यहां पहुंचा है। वहीं, दूसरी ओर अमरीकी के अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हटने के बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने अमरीकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) रॉबर्ट लाइथिजर से मुलाकात की। प्रभु ने खाद्यान्न के सार्वजनिक भंडारण के मुद्दे पर स्थायी समाधान के लिए सहमति की आवश्यकता पर जोर दिया। सूत्रों ने कहा कि प्रभु ने अर्जेंटीना की मंत्री सुसाना माल्कोरा की पहल पर लाइटाइजर से मुलाकात की। सुसाना डब्ल्यूटीओ की 11वीं मंत्री स्तरीय सम्मेलन की अध्यक्षता कर रही हैं। अधिकारियों ने कहा कि लाइटाइजर ने वाणिज्य मंत्री से कहा कि अमेरिकी प्रशासन डब्ल्यूटीओ की प्रणाली के खिलाफ है भारत के नहीं। 

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