भारत ने रचा एक और इतिहास, बना दुनिया का 5वां सबसे बड़ा शहद उत्पादक देश

Saturday, Aug 29, 2020 - 01:23 PM (IST)

नई दिल्लीः किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार मधुमक्खीपालन को बढ़ावा दे रही है। साथ ही, सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मधुमक्खीपालन को और बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। देश में मधुमक्खीपालकों की मेहनत से, विश्व में शहद के पांच सबसे बड़े उत्पादकों में भारत का नाम शुमार हुआ है।

मधुमक्खीपालन के प्रशिक्षण के लिए चार मॉड्यूल बनाए गए हैं, जिसके माध्यम से देश में 30 लाख किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है और उन्हें अन्य सहायता भी उपलब्ध कराई गई है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हाल में कहा था कि मधुमक्खीपालन को बढ़ावा देने के लिए गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर भी सरकार आगे काम कर रही है।

आइए जानें मधुमक्खी पालन के बारे में
मधुमक्खी पालन का व्यापार कृषि के साथ साथ होने वाला व्यापार है। इस व्यापार की सहायता से आपको सीजन के तौर पर अच्छा लाभ प्राप्त हो सकता है। आप चाहे तो इस व्यापार को आरम्भ करने के लिए सरकार से आर्थिक मदद भी प्राप्त कर सकते हैं। इस व्यापार के लिए आपको मधुमक्खी पालन सम्बंधित जानकारियां प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।

अगर आप इस स्‍कीम के तहत हनी प्रोसेसिंग प्‍लांट लगाना चाहते हैं तो कमीशन की ओर से आपको 65 फीसदी लोन दिलाया जाता है और खादी ग्रामोद्योग आपको 25 फीसदी सब्सिडी भी देता है यानी कि आपको केवल 10 फीसदी पैसा लगाना पड़ता है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के मुताबिक, आप 20 हजार किलोग्राम सालाना शहद बनाने वाला प्‍लांट लगाना चाहते हैं तो इस पर लगभग 24.50 लाख रुपए का खर्च आएगा। इसमें से आपको लगभग 16 लाख रुपए का लोन मिल जाएगा, जबकि मार्जिन मनी के रूप में 6.15 लाख रुपए मिल जाएंगे और आपको अपनी ओर से केवल लगभग 2.35 लाख रुपए लगाने होंगे।

केवीआईसी का कहना है कि अगर आप सालाना में 20 हजार किलोग्राम शहर तैयार करते हैं, जिसकी कीमत 250 रुपए प्रति किलोग्राम है, इसमें से 4 फीसदी वर्किंग लॉस को भी शामिल कर लिया जाए तो आपकी सालाना बिक्री 48 लाख रुपए होगी। इसमें से सभी खर्च जो लगभग 34.15 लाख रुपए होगा को कम कर दिया जाए तो आपको साल भर में लगभग 13.85 लाख रुपए की आमदनी होगी यानी कि आप हर महीने 1 लाख रुपए से ज्यादा कमाई कर सकते हैं।

jyoti choudhary

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