भारत और UN ने की भागीदारी कोष की शुरूआत

Saturday, Jun 10, 2017 - 10:29 AM (IST)

न्यूयार्क: विकासशील देशों में सतत विकास परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए भारत और संयुक्त राष्ट्र के दक्षिण-दक्षिण सहयोग कार्यालय (यू.एन.ओ.एस.एस.सी.) ने एक भागीदारी कोष की शुरूआत की है।

इस कोष की शुरूआत संयुक्त राष्ट्र के 2030 सतत विकास लक्ष्य को हासिल करने के तहत की गई है। भारत-संरा विकास भागीदारी कोष से देशों के स्तर पर परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा जो 2030 विकास एजेंडा के तहत 17 सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में मददगार होंगे। इन सहयोगात्मक पहलों का लक्ष्य गरीबी और भूख को कम करना, स्वास्थ्य, शिक्षा और समानता में सुधार लाना व स्वच्छ जल, ऊर्जा तथा आजीविका तक पहुंच का विस्तार करना शामिल है। इस कोष की शुरूआत विश्व महासागर दिवस के मौके पर यहां स्थित भारत के स्थायी मिशन में आयोजित विशेष समारोह में की गई। इस अवसर पर विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर और यू.एन.ओ.एस.एस.सी. के निदेशक जार्गे चेडिएक तथा संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत सैयद अकबरुद्दीन उपस्थित थे।

भारतीय स्टार्ट-अप कोष को सराहा संयुक्त राष्ट्र ने
संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक रिपोर्ट में सेवाओं और डिजीटल क्षेत्र के विकास में सरकारी नीतियों से किस प्रकार से निवेश को बढ़ावा दिया जा सकता है इसके बारे में भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए स्टार्ट-अप कोष की सराहना की है। संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक निवेश रिपोर्ट 2017 (निवेश और डिजीटल अर्थव्यवस्था) को व्यापार व विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन ने जारी किया। इसमें भारतीय आकांक्षा कोष का जिक्र किया गया है जिसमें कहा गया है कि सरकारी नीतियों के जरिए कई तरह के हस्तक्षेप कर डिजीटल क्षेत्र के विकास और स्थानीय सामग्री तथा सेवाओं में निवेश को सक्रियता के साथ समर्थन दिया जा सकता है।   

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