मेडिकल सीटों में बढ़ोतरी से विदेशी छात्रों के पलायन में कमी की उम्मीद: विशेषज्ञों की राय
punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2025 - 03:56 PM (IST)
बिजननेस डेस्कः सरकार ने केंद्रीय बजट 2025-26 में अगले पांच वर्षों के भीतर मेडिकल कॉलेजों में 75,000 नई सीटें जोड़ने की बड़ी घोषणा की है, जिसकी शिक्षा विशेषज्ञों और हितधारकों ने सराहना की है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से मेडिकल शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आएगी।
बजट 2025-26 में बड़ा ऐलान: 10,000 नई मेडिकल सीटें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए घोषणा की कि सरकार अगले साल 10,000 अतिरिक्त मेडिकल सीटें सृजित करेगी। इसके साथ ही पांच नए IIT में बुनियादी ढांचे का विस्तार करने और शिक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
विदेश जाने की आवश्यकता होगी कम
इंडियन एडटेक कंसोर्टियम (IEC) के अध्यक्ष प्रतीक माहेश्वरी ने कहा, "पांच वर्षों में 75,000 मेडिकल सीटें जोड़ना एक अहम कदम है। इससे विदेशों में मेडिकल शिक्षा के लिए छात्रों के पलायन में कमी आएगी क्योंकि हर साल 23 लाख से ज्यादा छात्र NEET में भाग लेते हैं, लेकिन केवल 1.1 लाख सीटें ही उपलब्ध होती हैं।"
मेडिकल शिक्षा में असमानता पर चिंता
2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि मेडिकल सीटों की उपलब्धता भौगोलिक रूप से असमान है। 51% स्नातक और 49% स्नातकोत्तर सीटें दक्षिणी राज्यों में केंद्रित हैं। वहीं, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच डॉक्टर घनत्व अनुपात 3.8:1 है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी स्पष्ट होती है।
नीतिगत सुधारों की जरूरत
सर्वेक्षण में विदेशी मेडिकल स्नातकों (FMGs) की योग्यता परीक्षा में कम सफलता दर को विदेशों में निम्न गुणवत्ता वाली शिक्षा का परिणाम बताया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशों में पढ़ाई को हतोत्साहित करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता है, साथ ही भारत में मेडिकल शिक्षा को किफायती और सुलभ बनाना जरूरी है।
उच्च शिक्षा में निवेश का स्वागत
एम्रॉप इंडिया की प्रबंध साझेदार प्रीति कुमार ने कहा, "IITs और मेडिकल कॉलेजों में क्षमता विस्तार पर केंद्रित बजट आवंटन उच्च शिक्षा के पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में रणनीतिक प्रयास है। हालांकि, नए संस्थानों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले संकाय की भी आवश्यकता होगी।"
अशोका (MBD ग्रुप) की एमडी मोनिका मल्होत्रा कंधारी ने कहा कि अगले पांच वर्षों में 75,000 मेडिकल सीटें जोड़ने का लक्ष्य स्वास्थ्य शिक्षा और कार्यबल क्षमता में उल्लेखनीय सुधार लाएगा। BIT मेसरा, रांची के कुलपति इंद्रनील मन्ना ने कहा, "सरकारी संस्थानों के साथ-साथ निजी शिक्षण संस्थानों पर भी ध्यान देना आवश्यक है, क्योंकि निजी संस्थानों में नामांकन लेने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है।"
NEET के आंकड़े और FMGE के परिणाम
देश भर के मेडिकल कॉलेजों में वर्तमान में 1.10 लाख से अधिक MBBS सीटें उपलब्ध हैं। 2024 में NEET UG के लिए रिकॉर्ड 25 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा दी। वहीं, FMGE 2024 के दिसंबर सत्र में 44,392 में से केवल 13,149 उम्मीदवार ही परीक्षा पास कर सके, जो विदेशी शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाता है। सरकार का यह कदम न केवल स्वास्थ्य शिक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि भारत को एक वैश्विक ज्ञान और नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।