टैक्स वसूली पर जोर देगा इंकम टैक्स डिपार्टमैंट

Tuesday, Jan 16, 2018 - 10:09 AM (IST)

नई दिल्लीः अगले 3 महीनों में इंकम टैक्स डिपार्टमैंट की सक्रियता काफी बढ़ सकती है। सैंट्रल बोर्ड ऑफ डायरैक्ट टैक्सेज ने सभी सीनियर टैक्स अधिकारियों को आगाह किया है कि उनके कामकाज पर ‘शीर्ष स्तर से नजर रखी जा रही है।’ ऐसे में डिपार्टमैंट 3 लाख करोड़ रुपए के डिपॉजिट पर टैक्स लगाने और उसे वसूलने पर फिर से जोर लगा सकता है। ऐसा संदेह जताया गया था कि नोटबंदी के बाद बैंकों में करीब 3 लाख करोड़ रुपए की ऐसी रकम जमा की गई जिसके स्रोत की तस्वीर साफ नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सर्च, सर्वे, इन्फॉर्मेशन वैरीफिकेशन से लेकर फॉलो-अप तक कई कदम उठाए जाएंगे।

बड़े कारोबारियों और ज्यूलर्स से ही नहीं बल्कि कई तरह के असैसीज से कैश इन हैंड अमाऊंट के बारे में स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। सीनियर चार्टर्ड अकाऊंटैंट दिलीप लखानी ने कहा कि इंकम टैक्स रिफंड में संभावित कमी, सी.आई.टी. अपील को अपीलों के निस्तारण का निर्देश देने, नोटबंदी में रद्द घोषित नोटों में 10 लाख रुपए से ज्यादा का डिपॉजिट करने वाले असैसीज के मामलों की जांच से ग्रॉस कलैक्शन बढ़ सकता है।

चीफ कमिश्नर ने कई इंकम टैक्स कमिश्नरों को भेजे पत्र
मुम्बई जैसे बड़े टैक्स कलैक्शन जोन में चीफ  कमिश्नर ने कई इंकम टैक्स (अपील) कमिश्नरों को पत्र भेजकर कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष पूरा होने से पहले वे तमाम अपीलों का निस्तारण कर दें। इंकम टैक्स कमिश्नर पहली अपेलट अथॉरिटी होता है। टैक्स अथॉरिटीज के पास तकनीकी रूप से उन लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने का अधिकार होता है जो अपने कैश डिपॉजिट के बारे में सही जानकारी नहीं दे पाएं। ऐसे लोगों पर वे 60 प्रतिशत टैक्स और जुर्माना लगा सकते हैं। हालांकि इस प्रक्रिया में कुछ वक्त लग सकता है।

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