सर्दियों में लग्जरी होटल वालों के निकले पसीने

Thursday, Nov 16, 2017 - 09:41 AM (IST)

नई दिल्लीः अरपोरा गोवा में स्थित डबलट्री के मालिक फ्रांसिस्को डी ब्रागांका चिंतित हैं कि पर्यटन सत्र के लिए सर्दियों की बुकिंग पिछले वर्ष से 20 प्रतिशत नीचे है। वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) के कारण लग्जरी होटल वालों के पसीने निकल आए हैं क्योंकि छुट्टियों के सीजन में उनका व्यवसाय मंदी के दौर से गुजर रहा है। ब्रागांका ने कहा, ‘‘सर्दियों के मौसम की बुकिंग निराशाजनक दिख रही है और अगर स्थिति जल्द ठीक नहीं हुई तो हम बैंक ऋण चुकाने में असमर्थ हो जाएंगे। पिछले साल की तुलना में इस बार बुकिंग बहुत कम है क्योंकि ग्राहक और ट्रैवल एजैंट होटल बुकिंग समय 18 प्रतिशत कर का भुगतान करने में असमर्थ हैं।’’

पांच सितारा होटल के राजस्व में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट 
ब्रागांका, जो गोवा के ट्रैवल एंड टूरिज्म एसोसिएशन के पूर्व प्रैजीडैंट हैं, ने कहा कि गोवा के पांच सितारा होटल ने वस्तु और सेवा कर (जी.एस.टी.) की दरों की शुरूआत के बाद से पिछले 2 महीनों में व्यवसाय में लगातार गिरावट देखी है। उन्होंने कहा कि जब जी.एस.टी. 28 प्रतिशत था तो हर पांच सितारा होटल के राजस्व में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। ओबेरॉय ग्रुप के अध्यक्ष कपिल चोपड़ा ने कहा, ‘‘अन्य अवकाश स्थलों में लग्जरी होटल के मालिकों को आगामी सर्दी के मौसम में भी व्यवसाय में गिरावट होने की आशंका है क्योंकि जिन कमरों की कीमत 7,500 रुपए या इससे अधिक है उन पर 28 प्रतिशत जी.एस.टी. स्लैब है। इस तरह के टैक्स स्लैब छुट्टियों में घूमने वालों के लिए बाध्य हैं।’’

यात्री छुट्टियों दौरान बुक करवा रहे घर या विला
मैरियट और आई.एच.सी.एल. जैसी चेन ने इन टिप्पणियों पर ई-मेल का जवाब नहीं दिया, जबकि हयात रिजैंसी मुम्बई और पार्क हयात हैदराबाद जैसी संपत्तियों के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें कोई प्रभाव दिखाई नहीं देता है। ट्रैवल पोर्टल बुकिंग.कॉम ने कहा कि यात्री अब अपनी छुट्टियों के लिए घर और विला को बुक करना पसंद करते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप के लिए बुकिंग डॉटकॉम के प्रमुख विकास भोला ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि यह प्रवृत्ति अगले साल भी जारी रहेगी। उच्च जी.एस.टी. के कारण लग्जरी संपत्तियों में कमी आई है।’’

टैक्स बढऩे से खर्च में हुई वृद्धि
आई.टी.सी. होटल और वैल्कम होटल्स के मुख्य कार्यकारी दीपक हक्सर ने कहा कि 28 प्रतिशत के कर ने निश्चित रूप से छुट्टियों दौरान होने वाले खर्च में वृद्धि की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह मानते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय मानकों के लिए बैंचमार्क  एक तर्कसंगत जी.एस.टी. मांग को प्रोत्साहित कर सकता है और भारत को और अधिक प्रतिस्पर्धी गंतव्य बनाने तथा देश के लिए मूल्यवान विदेशी मुद्रा की कमाई कर सकता है। होटलियर टी. नटराजन, जो जी.आर.टी. होटल एंड रिजॉटर्स के मालिक हैं, का अनुमान है कि आने वाले सीजन में भी ग्राहकों की संख्या में गिरावट आएगी। जी.आर.टी. प्रॉपर्टीज महाबलीपुरम में रैडिसन ब्ल्यू रिजॉर्ट, टैम्पल बे और रैडिसन ब्ल्यू होटल, जी.आर.टी. चेन्नई शामिल हैं, का कहना है कि निश्चित रूप से व्यवसाय में गिरावट आई है और यह आने वाले सीजन में लगभग 10-12 प्रतिशत होगी।

जी.एस.टी. के कार्यान्वयन के बाद से इसकी दरों ने होटल उद्योग में भ्रम पैदा कर दिया है। होटल उद्योग लग्जरी होटल पर 28 प्रतिशत कर का विरोध करता है। इससे पहले 28 प्रतिशत कर स्लैब 5000 रुपए के टैरिफ  के साथ होटल के लिए लागू था लेकिन बाद में 7,500 रुपए के टैरिफ के साथ होटलों में बढ़ा दिया गया था। नाम न छापने की शर्त पर एक होटल व्यापारी ने कहा, ‘‘लोग अपने कमरे की दर के एक तिहाई के भुगतान के रूप में 28 प्रतिशत कर के रूप में देते हैं। सर्दियों में छुट्टियों दौरान पर्यटक स्थलों पर कमरों का 50,000 रुपए औसत दर से खर्च आता है। 50,000 रुपए के कमरे के लिए टैक्स के रूप में 14,000 रुपए का भुगतान देना पड़ेगा, इसलिए यह उनको परेशान करेगा। इससे अवकाश बुकिंग को चोट पहुंचेगी।’’

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