AIIB की तीसरी सालाना बैठक में PM मोदी ने गिनाईं भारत की आर्थिक उप्लब्धियां

Tuesday, Jun 26, 2018 - 05:00 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) एशिया के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा और सतत आधारभूत ढांचा क्षेत्र में इसके निवेश का लाभ अरबों लोगों को मिलेगा।

मोदी ने एआईआईबी की तीसरी वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अपने लोगों के बेहतर भविष्य की कामना के साथ एशियाई देशों के संयुक्त प्रयास से जनवरी 2016 में एआईआईबी ने वित्तीय कामकाज शुरू किया और इतनी कम अवधि में ही इसके 87 सदस्य हो गए। विकासशील देश होने के नाते एशियाई देशों की चुनौतियां समान हैं। इनमें से एक चुनौती बुनियादी ढांचा विकास के लिए संसाधन तलाशना है। यह खुशी की बात है कि इस साल की बैठक का थीम ‘मोबिलाइजिंग फाइनेंस फॉर इंफ्रास्ट्रक्चर:इनोवेशन एंड कोलैबोरेशन’ है। सतत बुनियादी ढांचे में एआईआईी के निवेश के अरबों लोगों की जिंदगी प्रभावित होगी। 


प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा,स्वास्थ्य, वित्तीय सेवा और रोजगार के अवसरों तक पहुंच के मामले में एशियाई देश अब भी कई असमानताओं से जूझ रहे हैं। एआईआईबी जैसे संस्थान संसाधनों का जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। ऊर्जा एवं बिजली, परिवहन, दूरसंचार, ग्रामीण बुनियादी ढांचा, कृषि विकास, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, शहरी विकास और लॉजिस्टिक जैसे क्षेत्रों को दीर्घावधि फंड की जरूरत होती है। इस तरह केे फंड पर ब्याज दर किफायती होने चाहिए।



 एआईआईबी ने इतनी कम अवधि में करीब 12 देशों में 25 परियोजनाओं को अनुमोदन दिया है। इनके लिए 4 अरब डॉलर से अधिक की वित्तीय मदद मुहैया कराई गई है। यह अच्छी शुरूआत है। मोदी ने कहा, 'सदस्य देशों में बुनियादी ढांचे की सख्त जरूरत और 100 अरब डॉलर की एआईआईबी की पूंजी को देखते हुए मैं उससे आग्रह करता हूं कि वह वर्ष 2020 तक वित्तीय पोषण को 4 अरब डॉलर से बढ़ाकर 40 अरब डॉलर और वर्ष 2025 तक 100 अरब डॉलर करे।' 



उन्होंने कहा, 'भारत और एआईआईबी आर्थिक विकास को अधिक सतत और समावेशी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत में आधारभूत ढांचा विकास के फंड के लिए निजी सार्वजनिक भागीदारी और इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट फंड का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का सहारा भी है। इनका उद्देश्य बुुनियादी ढांचा विकास के लिये घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से निवेश जुटाना है।'

jyoti choudhary

Advertising