पहली तिमाही में चालू खाते का घाटा मामूली कम रहा: रिजर्व बैंक

Saturday, Sep 08, 2018 - 05:44 PM (IST)

मुंबईः देश का चालू खाते का घाटा अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी के समक्ष प्रतिशत के रूप में मामूली घटकर 2.4 प्रतिशत रह गया। एक साल पहले इसी अवधि में यह 2.5 प्रतिशत रहा था। आरबीआई के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। हालांकि, मूल्य के हिसाब से चालू खाते का घाटा (कैड) इस साल अप्रैल-जून तिमाही में 15.8 अरब डॉलर रहा जो 2017-18 की इसी तिमाही में 15 अरब डॉलर था।

आरबीआई ने भारत के भुगतान संतुलन की स्थिति पर जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘‘देश का कैड 2018-19 की पहली तिमाही में 15.8 अरब डॉलर रहा जो जीडीपी का 2.4 प्रतिशत है। यह 2017-18 की पहली तिमाही में 15 अरब डॉलर था जो जीडीपी का 2.5 प्रतिशत था। वैश्विक कारकों से अमेरिकी डालर की तुलना में देश की मुद्रा की विनिमय दर नीचे आ रही है। साथ ही कच्चे तेल की ऊंची कीमत के कारण व्यापार घाटा बढऩे की ङ्क्षचता से भी रुपया नीचे आ रहा है।’’ 

केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा भेजे गए धन समेत निजी हस्तांतरण से प्राप्ति 18.8 अरब डॉलर रही जो एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में 16.9 प्रतिशत अधिक है।’’ भुगतान संतुलन पर जारी आंकड़ों के मुताबिक पहली चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 9.7 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 7.1 अरब डॉलर रहा था। हालांकि, इस दौरान पोर्टफोलियो निवेश में बाहरी प्रवाह हुआ है। अप्रैल से जून तिमाही के दौरान एफपीआई निवेश में शुद्ध रूप से 8.1 अरब डॉलर की निकासी हुई जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 12.5 अरब डॉलर का निवेश आया था। प्रवासी भारतीयों से जमा खातों में इस दौरान 3.5 अरब डॉलर की शुद्ध प्राप्ति हुई जबकि एक साल पहले पहली तिमाही में यह राशि 1.2 अरब डॉलर रही थी।  

jyoti choudhary

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