जुलाई में 40 प्रतिशत ने भरा शून्य GST

punjabkesari.in Sunday, Oct 08, 2017 - 04:15 PM (IST)

नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) व्यवस्था के तहत छोटे कारोबारियों पर भारी कर बोझ होने को लेकर काफी होहल्ला मचा था लेकिन जीएसटी के लागू होने के पहले महीने जुलाई के लिए रिटर्न भरने वाले अप्रत्यक्ष करदाताओं में से 40 प्रतिशत ने शून्य कर रिटर्न दाखिल किया है।

जीएसटी नेटवर्क के आंकड़ों के अनुसार जुलाई के लिए 54 लाख कारोबारियों ने जीएसटी रिटर्न दाखिल किया है जिनमें से 40 प्रतिशत अर्थात 22 लाख ने शून्य रिटर्न दाखिल किया और कोई कर नहीं चुकाया है। इसके साथ ही जो शेष 40 फीसदी अर्थात 32 लाख कारोबारी हैं उनमें से भी अधिकांश पर नकद देनदारी नहीं बनती है क्योंकि वे जुलाई में जी.एस.टी. के प्रभावी होने से पहले के सेवा कर या उत्पाद शुल्क के क्रेडिट के हकदार हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार 32 लाख करदाताओं में से 70 फीसदी ने एक रुपया से लेकर 33 हजार रुपये के बीच कर चुकाया है। करीब 0.3 प्रतिशत जिनमें करीब 10 हजार कंपनियां शामिल हैं, से दो तिहाई जीएसटी राजस्व संग्रह हुआ है। जुलाई में जी.एस.टी. से करीब 94 हजार करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ था।  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जी.एस.टी. परिषद की 22वीं बैठक के बाद कहा कि 94 से 95 फीसदी जीएसटी राजस्व बड़े करदाताओं से आ रहे हैं। 90 फीसदी से अधिक करदाता एक करोड़ रुपए से कम वार्षिक कारोबार की श्रेणी वाले हैं और उनमें से अधिकांश शून्य या बहुत कम कर देते हैं। 72 लाख लोगों ने पहले जीएसटीएन पंजीयन कराया था और करीब 25 से 26 लाख नये लोगों ने इसके लिए पंजीयन कराया है।


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