लाल सागर संकट का असर भारतीय उद्योग जगत पर, माल ढुलाई का खर्च बढ़ा

Monday, Feb 12, 2024 - 05:38 PM (IST)

नई दिल्ली: लाल सागर संकट का असर अब भारतीय उद्योग जगत पर पड़ना शुरू हो गया है। अब जहाज भेजने वाले लंबा रास्ता अपना रहे हैं। इसकी वजह से ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ गई है। कुछ रास्तों पर माल-ढुलाई की लागत बढ़ी है। वहीं जहाजों के पहुंचने का समय दोगुना हो गया है। ऑनलाइन कंटेनर लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म कंटेनर एक्सचेंज के हाल के आंकड़ों के मुताबिक, प्रमुख मार्गों में से एक, शंघाई से चेन्नई के लिए कंटेनर लीजिंग दरों में नवंबर 2023 में 85 डॉलर प्रति यूनिट से जनवरी 2024 में 144 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। एक्सपर्ट्स ने बताया कि फार्मा, ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल सहित भारत से यूरोप और अमेरिका तक व्यापार के लिए माल ढुलाई लागत में औसत वृद्धि सितंबर 2023 की तुलना में जनवरी 2024 में लगभग 40-50 फीसदी रही है।

कीमतों में और आएगा उछाल

उन्होंने बताया कि भारत में लाइनर अपने खुद के कंटेनरों को ले जाने के बजाय पट्टे पर दिए गए बक्सों का इस्तेमाल करना पसंद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूरे जनवरी महीने में, कंटेनर की कीमतों ने लगातार ऐतिहासिक रूप से ऊंचे स्तर को बनाए रखा है। ऐसे में संभावना है कि लाल सागर संकट के कारण कंटेनर की कीमतें बढ़ती रह सकती हैं। अब तक, यूरोप और अमेरिका में महसूस किए गए प्रभाव की तुलना में भारत के लिए प्रभाव कम है। उन्होंने कहा, बाजार को चीनी नव वर्ष के आसपास और उछाल की उम्मीद है। चीनी नव वर्ष 10 फरवरी से शुरू हुआ है। यह उत्सव अभी 16 दिनों तक जारी रहेगा।

jyoti choudhary

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