पैन कार्ड नहीं तो घर नहीं

Tuesday, Dec 15, 2015 - 11:02 PM (IST)

नई दिल्ली:  देश में काले धन को रोकने के लिये दो लाख रुपये से अधिक के नगद लेनदेन पर पैन नंबर देना जरूरी होगा और सरकार जल्दी ही इसके लिए एक अधिसूचना जारी करेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा लोकसभा में चालू वित्त वर्ष की अनुदान मांगों और 2012-13 की अतिरिक्त मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि देश में काले धन को रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। 
 
इसी के तहत अब दो लाख रुपए से अधिक के नगद लेनदेन पर पैन नंबर देना अनिवार्य होगा। जल्दी ही इसके लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। इससे पहले चर्चा के दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार पर विदेशों में जमा काले धन को स्वदेश लाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया था। तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव प्रचार में विदेशों में जमा काले धन को स्वदेश लाने और हरेक देशवासी के खाते में 15 लाख रुपए डालने का वादा किया था लेकिन सरकार अब तक इसमें नाकाम रही है।
 
अधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना बैंक खाता खोलने के अलावा अन्य सभी बैंक खाते खोलने के मामले में भी पैन अनिवार्य होगा। जिन मामलों में राहत दी गई है उनमें बेसिक लैंडलाइन फोन अथवा सेलफोन कनेक्शन लेने के लिये भी पैन की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है। वित्त मंत्री अरण जेटली ने लोकसभा में कहा कि दो लाख रपये से अधिक के नकद और कार्ड से होने वाले लेनदेन में पैन का उल्लेख अनिवार्य किए जाने के बारे में सरकार जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी। चालू वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में प्रस्तावित एक लाख रपये के मुकाबले यह सीमा दोगुनी है।   
 
लोकसभा में अनुपूरक अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये जेटली ने कहा, ‘‘कालेधन के बारे में मुद्दा उठाया गया जा रहा है बहुत जल्दी हम अधिसूचना जारी करने वाले हैं यदि आप दो लाख से अधिक का नकद लेनदेन करते हैं तो उसमें पैन नंबर जरूरी होगा।’’  अधिया ने कहा कि 50 हजार रुपए अथवा इससे अधिक के होटल बिल और विदेश यात्रा किराए का नकद भुगतान करने के मामले में पैन नंबर जरूरी होगा क्योंकि यह लक्जरी श्रेणी का खर्च है। इनको छोड़कर अन्य सभी तरह के दो लाख रपये से अधिक के लेनदेन पर पैन की जरूरत होगी।   
 
अधिया ने कहा कि दो लाख रपये के लेनदेन पर पैन का उल्लेख फिलहाल अंतरिम व्यवस्था के तौर पर किया गया है। आखिरी लक्ष्य इसे एक लाख रपये के लेनदेन पर लाना है। अधिया ने कहा कि अन्य सभी नियम पहले की तरह ही जारी रहेंगे। पचास हजार रपये अथवा इससे अधिक का बैंक ड्राफट, पे आर्डर, बैंकर्स चेक लेने अथवा इतनी ही राशि की एक दिन में भुगतान करने अथवा बीमा प्रीमियम चुकाने के मामले में पैन का उल्लेख पहले की भांति करना होगा। उच्चतम न्यायालय द्वारा कालेधन पर गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने एक लाख रुपए से अधिक की सभी तरह की खरीद फरोख्त पर पैन का उल्लेख अनिवार्य किये जाने की सिफारिश की थी। 
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