इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दी क्रिप्टो की डिटेल तो हो सकती है मुसीबत

Sunday, Dec 05, 2021 - 01:42 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः देश से बाहर क्रिप्टोकरेंसी खरीदने वालों की तरह ही अब भारतीय प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे कॉइन्स में ट्रेडिंग या निवेश करने वाले भारतीय कर विभाग के रडार पर आ सकते हैं। सरकार आगामी बजट में क्रिप्टोकरेंसी जैसे शब्दों को शामिल करने के साथ ही मौजूदा इनकम टैक्स और डिसक्लोजर नियमों में संशोधन पर विचार कर रही है। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा, सरकार cryptocurrency से हुई आय और उससे जुड़े निवेशों की जानकारी हासिल करना चाहती है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 26ए और एनुअल इन्फोर्मेशन रेग्युलेशन (AIR) में संशोधन पर विचार कर रही है। एआईआर एक टैक्सपेयर के सभी निवेशों से जुड़ी जानकारी दिखाता है और अक्सर इसे 'टैक्स पासबुक' भी कहा जाता है।

एक सूत्र ने कहा, “इनकम टैक्स एक्ट के कुछ हिस्सों में क्रिप्टोकरेंसी, क्रिप्टो एसेट्स या डिजिटल करेंसी जैसे शब्द जोड़ने की सिफारिश की गई है। इसका मतलब होगा कि टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों को विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी निवेश या ट्रेडिंग से हुई आय का खुलासा करना होगा।” AIR में जमा, म्युचुअल फंड्स, रिकरिंग डिपॉजिट और ज्वैलरी में किए गए 2 लाख रुपए या उससे ज्यादा कि किसी निवेश का उल्लेख किया जाता है।

ऐसी आशंका है कि कर विभाग कानूनी रूप से बैंकों से सीधे क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लेनदेनों की जानकारी नहीं मांग सकता है, क्योंकि इस एसेट का इनकम टैक्स एक्ट के तहत वर्णन नहीं किया गया है। एक बार यह संशोधन होने पर, कर अधिकारी बैंकिंग चैनल्स के माध्यम से हुए लेनदेनों का ब्योरा मांग सकते हैं।  
 

jyoti choudhary

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