घर में रखा है इतनी मात्रा से ज्‍यादा सोना तो इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट कर सकता है जब्‍त

Monday, Jul 06, 2020 - 11:40 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत में सोने में निवेश को सुरक्षित विकल्प माना जाता है। पिछले कुछ सालों में सोने की कीमतों में हुए तेज इजाफे के कारण इसे शानदार मुनाफा देने वाले विकल्‍प के तौर पर देखा जाता है। वहीं, काफी लोग इसे शौक के तौर पर आभूषणों के तौर पर घर में भी रखते हैं। हालांकि, लॉकडाउन के कारण सोने की खरीद-फरोख्‍त में काफी कमी दर्ज की गई है। इससे देश के चालू खाता घाटे (CAD) में भी कमी आई है। देश में लोग आभूषण, बिस्कुट या दूसरे फॉर्म में सोने की खरीदारी करते हैं। ऐसे में ये जानना बहुत जरूरी है कि आप कितनी मात्रा में सोना घर में रख सकते हैं।

देश में काफी लोग ऐसे हैं जो सोने से बने आभूषणों को घर में ही रखते हैं लेकिन इनकम टैक्‍स रूल्‍स के मुताबिक घर पर एक तय मात्रा में ही सोना रखा जा सकता है। इनकम टैक्‍स नियमों के मुताबिक, अगर आप गोल्ड की खरीदारी का वैलिड सोर्स और प्रूफ दिखा देता है तो कितनी मात्रा में भी सोना घर में रख सकता है। वहीं, बिना वैलिड सोर्स घर में तय मात्रा में ही सोना रखा जा सकता है। बिना अपना इनकम सोर्स बताए घर में सोना रखने की भी तय सीमा है।

 

500 ग्राम तक सोने पर आयकर नहीं  
अगर किसी के घर में 500 ग्राम तक सोना है, तो वह आयकर के दायरे में नहीं आएगा। इस पर आय का स्रोत बताने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। यानी, आयकर कानून के तहत कोई भी व्यक्ति अपने घर में 500 ग्राम तक सोना बिना किसी आय प्रमाण के रख सकता है।

कितनी छूट

  • विवाहित महिलाएं : 500 ग्राम तक सोना रखने की छूट।
  • अविवाहित महिलाएं : 250 ग्राम तक।
  • पुरुष: बिना आय प्रमाण के 100 ग्राम तक।

तीनों कैटेगरी में बिना प्रूफ के तय सीमा से ज्‍यादा मात्रा सोना घर में पाए जाने पर आयकर विभाग स्‍वर्ण आभूषण जब्त कर सकता है। आसान शब्‍दों में समझें तो अलग-अलग कैटेगरी के लोग तय मात्रा से ज्‍यादा सोना घर में रखते हैं तो उन्‍हें अपना इनकम प्रूफ देना होगा। साथ ही सोना की खरीदारी या गिफ्ट में मिलने का सबूत देना होगा।

इस शर्त को पूरा करने पर कितनी भी मात्रा में सोना घर में रख सकते हैं
केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर विभाग (CBDT) के मुताबिक, अगर किसी व्‍यक्ति के पास विरासत (Inheritance) में मिले गोल्ड समेत उसके पास उपलब्ध सोने का वैलिड सोर्स है और वह इसका प्रमाण दे सकता है तो वह कितने भी स्‍वर्ण आभूषण रख सकता है। वैलिड इनकम सोर्स के अलावा तय मात्रा से ज्‍यादा सोने को जब्‍त किया जा सकता है। आयकर नियमों के मुताबिक, गिफ्ट के रूप में मिली 50,000 रुपए से कम की ज्वैलरी या विरासत/वसीयत में मिला गोल्ड या गोल्ड ज्वैलरी व ऑर्नामेंट्स टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं। हालांकि, आपको यह साबित करना होगा कि यह सोना उपहार या विरासत में मिला है।

सोने के घोषित मूल्‍य और वास्‍तविक कीमत में अंतर नहीं होना चाहिए
अगर किसी को उपहार या विरासत में सोना मिला है तो उसे गोल्ड गिफ्ट करने वाले व्‍यक्ति के नाम की रसीद समेत अन्‍य विवरण देना होगा। वहीं अगर वसीयत या विरासत में सोना मिला है तो फैमिली सेटलमेंट एग्रीमेंट, वसीयत या गोल्ड ​तोहफे के रूप में ट्रांस​फर करने का एग्रीमेंट प्रूफ के तौर पर पेश करना होगा। अगर किसी व्यक्ति की कर योग्य सालाना आय 50 लाख रुपए से ज्‍यादा है तो उसे आभूषणों और उनकी वैल्यू का ब्यौरा आयकर रिटर्न में देना होगा। बता दें कि इनकम टैक्‍स रिटर्न में आभूषणों की घोषित वैल्यू और उनकी वास्तविक वैल्यू में कोई अंतर न हो। अगर ऐसा हुआ तो व्यक्ति को इस अंतर का कारण बताना होगा।
 

jyoti choudhary

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