पैट्रोल, डीजल मांग के पूर्वानुमान की समीक्षा करेगी आईईए

Saturday, May 13, 2017 - 05:17 PM (IST)

सिंगापुरः भारत और चीन द्वारा इलैक्ट्रिक वाहनों को तरजीह देने के लिए नई नीति बनाने के संकेत देने के मद्देनजर अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) इलैक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल तथा पैट्रोल-डीजल की मांग के अपने पूर्वानुमान की समीक्षा करेगी। आईईए ने मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए गत साल नवंबर में जारी तेल की मांग के पूर्वानुमान की समीक्षा करने की घोषणा की है। 

आईईए ने वर्ष 2040 तक पैट्रोल और डीजल वाहनों की मांग में बढ़ौतरी का पूर्वानुमान व्यक्त किया था लेकिन भारत और चीन ने इलैक्ट्रिक वाहनों को तरजीह दिए जाने के स्पष्ट संकेत दिए हैं। भारत और चीन के इस रुख के मद्देनजर ही आईईए ने कहा है कि उसे अपने पूर्वानुमान की समीक्षा करने की जरूरत है। नीति आयोग और रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट ‘इंडिया लीप्स अहेडः ट्रांसफॉर्मेटिव मोबिलिटी सॉल्यूशंस फॉर ऑल’ के मुताबिक भारत के यात्री मोबिलिटी को शेयर्ड, इलैक्ट्रिक और कनेक्टेड बनाने से वर्ष 2030 में देश में ईंधन - विशेषकर डीजल और पैट्रोल - की मांग में 64 फीसदी अर्थात् 60 अरब डॉलर (3.9 लाख करोड़ रुपए) की कमी आएगी और इससे कार्बन उत्सर्जन भी 34 फीसदी घटेगा।  

रिपोर्ट के अनुसार, मोबिलिटी में भारी बदलाव किए जाने, विशेषकर इलैक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढऩे से वर्ष 2030 में डीजल और पैट्रोल के उपयोग में 15.6 करोड़ टन की कमी आएगी जिससे 3.9 लाख करोड़ रुपए यानी करीब 60 अरब डॉलर की बचत हो सकती है। ईंधन की मांग घटने से न/न सिर्फ कार्बन उत्सर्जन घटेगा बल्कि इससे दूसरे लाभ भी होंगे।  

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी कहा है कि इलैक्ट्रिक वाहनों की ऊर्जा दक्षता 90 प्रतिशत है जबकि डीजल-पैट्रोल वाहनों की 20 प्रतिशत है। उन्होंने अगले एक दशक में भारत में इलैक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में भारी बढ़ौतरी होने का अनुमान जताया है। इसी घटनाक्रम को देखते हुए आईईए ने कहा है कि अगले ‘वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक, 2017’ के लिए उन्हें इलैक्ट्रिक वाहनों की बढऩे वाली मांग के पूर्वानुमान की समीक्षा करने की जरूरत है। अगला पूर्वानुमान 14 नवंबर को जारी किया जाना है।  

भारत से पहले चीन ने अप्रैल में जारी रोडमैप में कहा था कि वह चाहता है कि वाहनों की कुल मांग का कम से कम पांचवां हिस्सा वैकल्पिक ईंधन से संचालित वाहनों का हो। आईईए ने कहा है कि भारत और चीन इलैक्ट्रिक वाहनों को समर्थन देने के लिए नीति बनाने के पक्ष में भी हैं जिससे इन वाहनों की मांग बढ़ेगी। एजेंसी के मुताबिक भारत की पैट्रोल-डीजल खपत कुल वैश्विक मांग का 2 फीसदी और चीन की 11 फीसदी है। ऐसे में दोनों देशों द्वारा इलैक्ट्रिक तथा अन्य वैकल्पिक ईंधन से संचालित वाहनों को तरजीह देने से भविष्य में पैट्रोल-डीजल की मांग पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। 

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