मौजूदा बैंकों के पूरक होंगे नए बैंक: कोचर

Monday, Jan 25, 2016 - 12:38 PM (IST)

दावोस: आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर का मानना है कि भारत में स्थापित होने वाले भुगतान व लघु वित्त जैसे नए बैंक मौजूदा बैंकिंग प्रणाली के पूरक साबित होंगे। इसके साथ ही उन्होंने इन नए बैंकों व पूर्ण बैंकों के बीच किसी तरह की प्रतिस्पर्धा की संभावना को भी खारिज किया है। 

कोचर ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक साझे लाभ वाली भागीदारी के अवसरों पर विचार करेगा। आईसीआईसीआई बैंक की सीईआे व प्रबंध निदेशक कोचर ने यहां कहा कि भारत में बड़ी संख्या में लोग बैंकिंग सुविधाआें से वंचित हैं इसलिए नए बैंकों की दोनों श्रेणियां बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि नए बैंक मौजूदा बैंकिंग प्रणाली के पूरक होंगे और कंपनियों के लिए साझा हितों वाली भागीदारी के लिए अवसर होंगे। हम इस संबंध में अवसरों को तलाशेंगे।"

कोचर ने कहा कि भुगतान बैंक ग्राहकों की सुविधाआें तथा कुछ भुगतान मंचों की प्रौद्योगिकी आदि पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं लेकिन उनके परिचालन का क्षेत्र सीमित होगा। उन्होंने कहा, "भुगतान बैंकों का परिचालन मुख्य रूप से जमाएं स्वीकार करना, एटीएम:डेबिट कार्ड जारी करना, भुगतान व रेमिटेंस सेवाएं तथा तीसरे पक्ष के उत्पाद वितरित करने पर केंद्रित होगा। भुगतान बैंक अन्य बैंकों के कारोबारी नुमाइंदे की भूमिका भी निभा सकते हैं।"

कोचर यहां विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक में भाग लेने आई थीं। यह बैठक कल रात समाप्त हो गई। उन्होंने कहा कि दूसरी आेर पूर्ण सेवा वाले बैंकों के पास ‘ व्यापक उत्पाद रेंज, ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध और उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की क्षमता है।'' आईसीआईसीआई बैंक के डिजिटल मोबाइल वॉलेट ‘पॉकेट’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश का पहला डिजिटल बैंक साबित हुआ।   उन्होंने कहा कि इसकी शुरूआत फरवरी 2015 में हुई और अब तक 30 लाख डाऊनलोड हो चुके हैं और उक्त में से 70 प्रतिशत उपयोक्ता पहली बार बैंकिंग सेवाआें का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

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