मैं एयर इंडिया को पूरी तरह बेचने के पक्ष मेंः अरुण जेतली

Tuesday, Jun 06, 2017 - 10:33 AM (IST)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेतली ने एयर इंडिया के निजीकरण की वकालत की। उन्होंने कहा कि एयरलाइंस की बाजार हिस्सेदारी मात्र 14 प्रतिशत है, ऐसे में करदाताओं के 55,000 से 60,000 करोड़ रुपए का उपयोग कितना जायज है। उन्होंने कहा कि सरकार को 15 साल पहले एयर इंडिया से बाहर हो जाना चाहिए।

सरकार करेगी फैसला
वित्त मंत्री ने कहा कि वह नीति आयोग के कर्ज में डूबी एयरलाइंस के निजीकरण के विचार से सहमत हैं लेकिन इस मुद्दे पर सरकार निर्णय करेगी। जेतली ने कहा कि नागर विमानन क्षेत्र भारत में सफल की एक नई कहानी बनता जा रहा है, निजी क्षेत्र की कई कंपनियां काफी कुशलता से एयरलाइंस चला रही हैं। साथ ही देश में हवाईअड्डे दुनिया में ज्यादातर हवाईअड्डों से बेहतर है। देश में क्षेत्रीय संपर्क के लिए भी बहुत से हवाईअड्डे हैं।

कंपनी पर है 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक कर्ज
एयर इंडिया के उपर 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। इसका मुख्य कारण उच्च रखरखाव लागत और पट्टा किराया है। वित्त वर्ष 2015-16 को छोड़कर कंपनी को शायद ही कभी मुनाफा हुआ। जेतली ले कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जितनी जल्दी सरकार इससे बाहर होगी उतना बेहतर होगा। इसे डेढ दशक पहले ही इससे बाहर हो जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’’
 

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