जानिए कैसे इन छोटी दुकानों ने खड़ा कर दिया 11 लाख करोड़ का बिजनेस?

Wednesday, Apr 26, 2017 - 05:02 PM (IST)

नई दिल्लीः बिजनेस में बदलाव और नए ट्रेंड्स का आना आम बात है। लेकिन वे बिजनेस मैन ही सफल होते हैं, जो इन संकेतों को न केवल वक्त रहते पहचान लेते हैं साथ ही खुद भी बदलाव में यकीन रखते हैं। आज हम आपको उन दिग्गज कंपनियों के बारे में बता रहे हैं, जो एक समय वे काम कर रही थीं जिनका मौजूदा कारोबार से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं था। हालांकि बदलाव में यकीन रखने और समय के साथ चलने की वजह से उन्होंने खुद को बदला और सफलता हासिल की।

Samsung 
1938 में सैमसंग महज 27 डॉलर की लागत से साथ खोली गई थी। शुरुआत में यह एक राशन की दुकान और एक छोटी कंपनी का मिला जुला स्वरूप थी। साल 2016 में सैमसंग की कुल आय 17700 करोड़ डॉलर रही, जो करीब 11.5 लाख करोड़ रुपए की कंपनी है। शुरुआत में कंपनी सूखी मछली, सब्जियों और नूडल्स का इंपोर्ट-एक्सपोर्ट करती थी। कंपनी ने समय के साथ खुद को लगातार बदला। मांग की वजह से कंपनी ने शुगर और टेक्सटाइल सेक्टर में भी हाथ आजमाया और उसमें भी सफलता पाई। 1960 में जाकर कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स सेग्मेंट से जुड़ गई। आज कंपनी अपने सेग्मेंट की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल है।

Wrigley
च्यूइंग गम बनाने वाली कंपनी रिग्लेज की कहानी काफी अजीबो गरीब है। रिग्लेज की शुरुआत विलियम रिग्लेज ने की थी। शुरुआत में वो अपने पिता की साबुन कंपनी में काम करते थे। विलियम ने सेल्स बढ़ाने के लिए साबुन के साथ बेकिंग पाउडर मुफ्त में देना शुरू किया। हालांकि साबुन से ज्यादा बेकिंग पाउडर के फेमस होने से रिग्लेज बेकिंग पाउडर बेचने लगी। बेकिंग पाउडर की सेल्स बढ़ाने के लिए रिग्लेज ने इनके साथ च्युइंग गम फ्री देना शुरू किया। लेकिन फिर वही हुआ, बेकिंग पाउडर से ज्यादा च्युइंग गम की मांग बढ़ गई। इसे देखते हुए रिग्लेज ने च्युइंग गम का कारोबार शुरू कर दिया। आज रिग्लेज सबसे बड़ी च्युइंग गम बनाने वाली कंपनी है।

Suzuki
ऑटो सेक्टर की कंपनी सुजुकी की शुरुआत ऑटो सेक्टर से न होकर टेक्सटाइल सेक्टर से हुई थी। 1909 में मिचियो सुजूकी ने सुजुकी लूम वर्क्स नाम से कंपनी शुरू थी। शुरुआत में यह कंपनी बुनाई की मशीनें बनाती थी। कारोबार में सफलता के बाद कंपनी ने ऑटो सेक्टर पर ध्यान दिया। दरअसल बुनाई की मशीनों में माहिर होने के बाद कंपनी को ऑटो सेक्टर में शिफ्ट होने में मुश्किल नहीं हुई। दोनो में ही मैकेनिकल इंजीनियरिंग में माहिर होना जरूरी है। कंपनी ने पहला प्रोटोटाइप 1937 में तैयार कर लिया। वहीं 4 साल बाद कंपनी ने पहली कार उतार दी। आज सुजुकी ऑटो सेक्टर की दिग्गज कंपनी है।

Peugeot
ऑटो सेक्टर की कंपनी प्यूजियो के लोगो में आपको कंपनी के शुरुआती बिजनेस की झलक मिलेगी। कंपनी शुरुआती समय स्टील सेक्टर से जुड़ी थी, और उसे अपने हाई ग्रेड स्टील से बनी लकड़ी काटने वाली आरी से पहचान मिली थी। लोगो में इन आरी का इस्तेमाल किया गया है। स्टील और मैकेनिकल टूल्स में माहिर कंपनी ने ऑटो सेक्टर के भविष्य का अंदाजा लगा लिया और खुद भी सेक्टर में उतर गई। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में कंपनी ने ऑटो सेक्टर पर अपना फोकस किया और आने वाले समय में दिग्गज ऑटो कंपनी साबित हुई।

Nokia
नोकिया का इतिहास करीब 150 साल पुराना है। जब एक इंजीनियर फ्रेड्रिक ने फिनलैंड में पेपर मिल खोली। 6 साल बाद उन्होंने ही फिनलैंड में नोकिया नविर्ता नदी के करीब दूसरी पेपर मिल खोली, माना जाता है कि नदी के नाम से ही उन्हे अपनी कंपनी का नाम मिला। कंपनी इलेक्ट्रिसिटी के प्रोडक्शन से जुड़ी थी। वहीं आने वाले समय में कंपनी कार टायर से लेकर बाइसिकल तक का निर्माण करने लगी। 1979 में जाकर कंपनी उस कारोबार से जुड़ी जिससे उसकी पहचान बनी। यानी मोबाइल फोन का निर्माण हालांकि कंपनी ने स्मार्टफोन और टचस्क्रीन के दौर में बदलाव की अपनी परंपरा को भुला दिया। इससे दूसरी स्मार्ट फोन बनाने वाली  कंपनियों ने नोकिया को पीछे छोड़ दिया।

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