गर्भाशय में छोड़ी सूई, अस्पताल देगा 30 लाख रुपए जुर्माना

punjabkesari.in Monday, Jun 12, 2017 - 11:11 AM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद आयोग ने प्रसव के बाद एक महिला के गर्भाशय में सूई छोड़ देने जैसी गंभीर लापरवाही बरतने के मामले में एक निजी अस्पताल पर 30 लाख रुपए का हर्जाना किया है। आयोग ने उत्तर दिल्ली के श्री जीवन अस्पताल की अपील को नकारते हुए जिला फोरम के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें उत्तर-पूर्व दिल्ली निवासी रबीना को 3 लाख रुपए का हर्जाना देने का आदेश दिया गया था।उसने यह भी टिप्पणी की कि एक योग्य चिकित्सक रखने की बजाय अस्पताल ने यह सारा काम फार्मासिस्ट से करवाया। एन.पी. कौशिक की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि कोई प्रशिक्षित चिकित्सक रखने की बजाय अस्पताल यह काम फार्मासिस्ट से करवा रहा है। किसी को अनुमान है कि अभी तक कितने घाव इसके (फार्मासिस्ट) द्वारा सिए जा चुके हैं। आयोग ने कहा कि अस्पताल की ओर से दाखिल अपील खारिज की जाती है। अस्पताल को ‘लापरवाही’ और ‘सेवा में कमी’ के कारण 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। अस्पताल इस राशि को उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करवाएगा।
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क्या है मामला
शिकायत के अनुसार रबीना को 15 फरवरी, 2009 को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया था। याचिका में कहा गया है कि डिलीवरी के दौरान डाक्टर ने उसके गर्भाशय में एक सूई छोड़ दी थी जिस कारण उसे लगातार दर्द तथा रक्तस्राव हो रहा था। इसके बावजूद अस्पताल ने उसकी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया। याचिका में कहा गया कि बाद में एक्सरे में गर्भाशय में सूई होने का पता चलने पर उसी अस्पताल में उसे हटा दिया गया। नवम्बर, 2009 में एक अल्ट्रासाऊंड में पता चला कि रबीना का गर्भाशय क्षतिग्रस्त हो गया है और अब वह दोबारा गर्भधारण नहीं कर पाएगी। उसके बाद उसने अस्पताल के खिलाफ पुलिस और उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करवाई। अस्पताल ने शुरूआत में गर्भाशय में सूई होने से इंकार किया था, हालांकि बाद में उसने यह आरोप स्वीकार कर लिया।
 


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