होम लोन लेने से पहले इन 5 टिप्स पर अवश्य ध्यान दें

Saturday, Jul 02, 2016 - 02:06 PM (IST)

जालंधरः होम लोन अपने सपनों के घर को खरीदने के लिए पैसे जुटाने की परेशानी को हल करता है तथा साथ ही कुछ हद तक आय कर में छूट प्रदान करके अतिरिक्त लाभ भी प्रदान करता है। यदि आप भी लाखों लोगों की तरह होम लोन लेकर अपने खुद के घर का सपना साकार करने की योजना बना रहे हैं तो लुभावने विज्ञापनों के झांसे में आने से बचना चाहिए। यहां दिए जा रहे 5 महत्वपूर्ण टिप्स पर लोन लेने से पहले अवश्य ध्यान दें ताकि लोन की प्रक्रिया में परेशानी से रक्षा के साथ-साथ आप कुछ पैसा भी बचा सकें। 

सही तरह का होम लोन
अधिकतर वित्तीय संस्थान होम लोन की मार्कीटिंग खूब जोर-शोर से करते हैं जिसके तहत ग्राहकों को आकर्षक ब्याज दरों तथा स्कीम्स से आकर्षित करने का प्रयास किया जाता है परंतु बेहतर होगा कि आप सभी विकल्पों की पड़ताल कर लें। लोन के नियमों एवं शर्तों तथा पैनल्टी, चार्जेज आदि पर गौर करना चाहिए। छोटी से छोटी जानकारी के बारे में भी सेल्समैन या बैंक से विस्तार से पूछने से न कतराएं। साथ ही अपनी जरूरत पर खरा उतरने वाले होम लोन का ही चयन करें। आप नया प्लॉट खरीदना चाहते हैं या उस पर निर्माण करवाना चाहते हैं या बना-बनाया नया मकान खरीदना है या वर्तमान मकान में ही कोई सुधार करना है, अपनी जरूरत को समझ कर उसके लिए मिलने वाले विशेष होम लोन का ही चुनाव करें।

मासिक किस्त 
सबसे पहले तो इस बात का आकलन करें कि आपको कितने लोन की जरूरत है। अपनी आय तथा खर्चों पर विचार करके आप जान जाएंगे कि आप कितना लोन वहन कर सकते हैं। खर्चों का आकलन करके उस रकम को तय कर लें जिसकी आपको हर महीने जरूरत होगी। अब अपनी कुल आय में से इसे निकाल देने पर आपको अपनी बचत के बारे में पता चल जाएगा। इसी बचत में से आप लोन की किस्त भरेंगे। सुनिश्चित बना लें कि आप किस्त समय पर अदा कर सकें। किस्त में देरी होने पर काफी पैनल्टी देनी पड़ सकती है। यदि आप अस्थायी नौकरी कर रहे हैं तो व्यावहारिक आकलन करना और भी जरूरी हो जाता है वास्तव में आप कितनी किस्त चुका सकते हैं। 

सम्पत्ति की वैधता एवं तकनीकि क्लीयरैंस
हर बैंक या हाऊसिंग फाइनांस कम्पनियां होम लोन देने से पहले संबंधित सम्पत्ति की वैधता तथा तकनीकी क्लीयरैंस के बारे में जानकारी जुटाती हैं। यह प्रक्रिया केवल बैंक के लिए ही आवश्यक नहीं है बल्कि एक उपभोक्ता के हितों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। इससे काफी हद तक सुनिश्चित हो जाता है कि आप जो सम्पत्ति खरीदने जा रहे हैं वह वैध है तथा उसके संबंध में सभी जरूरी स्वीकृतियां हासिल कर ली गई हैं। इसीलिए इस प्रक्रिया पर करीब से नजर रखना भी आवश्यक है।

शुल्कों एवं जुर्माने के बारे में जागरूक रहें
होम लोन लेते समय आपको उन शुल्कों या किसी भी तरह के हर्जाने के बारे में भी जान लेना चाहिए जो इसके लिए अदा करने पड़ सकते हैं। इनमें प्रोसैसिंग फीस, सॢवस तथा एडमिनिस्ट्रेटिव चार्जेज आदि शामिल होते हैं जो लोन की कुल रकम का कुछ प्रतिशत होते हैं। बाद में भी किस्त की रकम या लोन की अवधि में परिवर्तन करवाने पर भी बैंक शुल्क वसूल करते हैं।

ब्याज की दर 
सबसे पहले तो आपको अपने लोन पर उपयुक्त ब्याज दर का चयन करना होगा। आप फिक्स्ड दर या फ्लोटिंग दर पर होम लोन लेना चाहते हैं, इसे तय कर लेना जरूरी है। फ्लोटिंग ब्याज दर बाजार व नीतियों में बदलाव के साथ घटती-बढ़ती रहती है जबकि फिक्स्ड में बदलाव नहीं होता परंतु फिक्स्ड थोड़ी ज्यादा होती है। हालांकि, कुछ बैंक बाद में भी फिक्स्ड या फ्लोटिंग दरों के चयन का विकल्प देते हैं। हालांकि, इनके शुल्क के बारे में भी पता कर लेना चाहिए। लोन पर अदा किए ब्याज की दर पर आप बैंक से मोलभाव भी कर सकते हैं। बैंक ब्याज की दर के फिक्स्ड होने का कितना भी दावा क्यों न करें,  वे कुछ बेसिस प्वाइंट्स तक इसे कम करने को तैयार हो जाते हैं। कई बार जल्द से जल्द दिए जाने वाले कुछ लोन्स के लिए बैंक अपनी सबसे बढिय़ा पेशकश बचा कर रखते हैं। ऐसे में सम्पत्ति की डील फाइनल करने के बाद ही लोन के लिए बैंक से सम्पर्क करना ठीक रहेगा। कई बार महीने के अंत में लोन के लिए आवेदन करना आपके लिए फायदेमंद बन सकता है क्योंकि अधिकतर बैंकों को हर महीने अपने टार्गेट पूरे करने होते हैं। ऐसे में महीने के अंत में सही ढंग से मोल-भाव करके आप बैंक से किफायती ब्याज दर पर लोन हासिल कर सकते हैं। 

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