''फैमिली प्लानिंग'' जितनी जरूरी है ''लोन प्लानिंग''

punjabkesari.in Tuesday, Sep 13, 2016 - 03:09 PM (IST)

जालंधरः होम लोन की आसान उपलब्धता की वजह से दम्पतियों में कम उम्र में ही खुद का फ्लैट खरीदने का रुझान बढ़ गया है। यह कुछ वर्ष पूर्व के रुझानों से एकदम अलग है जब किराए पर रहना ही ज्यादा पसंद किया जाता था। हालांकि अब रुझान पूरी तरह से बदल चुका है।

दो वेतनों का लाभ
आजकल के जवान दम्पतियों को इस बात का लाभ है कि पति-पत्नी दोनों कामकाजी हैं और अधिकतर पर अभी संतान की जिम्मेदारी भी नहीं है। इस वजह से फिलहाल वे अधिक ई.एम.आई. भी चुका सकते हैं। दोनों में से एक का वेतन होम लोन की मासिक किस्त अदायगी के लिए इस्तेमाल किया जाता है जबकि दूसरे के वेतन से घरेलू खर्चे पूरे किए जाते हैं। 

भविष्य की जरूरतों का ध्यान रखना जरूरी
हालांकि, ऐसे जोड़ों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि कुछ वर्ष बाद उनकी वर्तमान वित्तीय स्थिति पूरी तरह से बदल सकती है क्योंकि परिवार के बढ़ने यानि माता-पिता बनने से उनके खर्चे कई गुणा बढ़ जाएंगे। इससे एक झटके में ही उनकी कमाई आधी और खर्चे कई ज्यादा हो जाते हैं।

धरा रह सकता है संतुलन
ऐसे वक्त में दम्पतियों द्वारा अपने खर्चों तथा आय में संतुलन बैठाने के लिए किए जा रहे प्रयास धरे के धरे रह सकते हैं। पहले जो वित्तीय रणनीति वे अपनाए हुए थे, वह घर में बच्चे के आने बाद कारगार नहीं रहेगी।

सीमित ऋण लें
सबसे पहले आपको उतनी ही रकम का होम लोन चाहिए जितने की वास्तव में आपको जरूरत हो। अपनी वर्तमान जरूरत से ज्यादा खर्चा करने का प्रयास न करें। इससे आपकी लोन रीपेमैंट की रकम नियंत्रण में रहेगी। पर्सनल लोन से तो हर स्थिति में परहेज करना बेहतर होगा क्योंकि इन पर अदा किया जाने वाला ब्याज होम लोन के ब्याज से कई गुणा ज्यादा होता है।


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