होम बायर्स की पसंद बदली, अब तैयार फ्लैट्स को दे रही तरजीह

Tuesday, Sep 24, 2019 - 12:41 PM (IST)

नई दिल्लीः फ्लैट की डिलिवरी में देरी की आशंका के चलते कस्टमर्स ने अब रेडी-टू-मूव-इन यानी तैयार अपार्टमेंट को तरजीह देना शुरू कर दिया है, जिससे रियल्टी डिवेलपर्स को कस्टमर्स को आकर्षित करने के लिए इस तरह के प्रॉजेक्ट्स से जुड़े अपने ऑफर में बदलाव करने को मजबूर होना पड़ा है। किफायती कीमत वाले हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स के अलावा रेडी-टू-मूव-इन अपार्टमेंट इकलौता ऐसा सेग्मेंट है, जिसमें होम बायर्स की दिलचस्पी बढ़ी है। ऐसे में कम कीमत वाले रेडी-टू-मूव-इन अपार्टमेंट ऑफर करने से बिक्री में सुधार हो रहा है।

समझदार बायर्स की पसंद रेडी-टू मूव इन फ्लैट्स
देश के रियल एस्टेट सेक्टर में पिछले कुछ वर्षों से एक अहम ट्रेंड देखा जा रहा है कि समझदार होम बायर्स, रेडी-टू-मूव-इन अपार्टमेंट को पसंद कर रहे हैं। इससे वे बिल्डरों के हवा-हवाई वादों के झांसे में आने से बच जाते हैं। साथ ही, तैयार अपार्टमेंट खरीदने पर डिलिवरी में देरी और बिल्डरों की जालसाजी में फंसने की आशंका भी कम हो जाती है। घर खरीदारों के लिए पूरी तरह से तैयार यूनिट खरीदने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस पर गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) नहीं लगता।

36% संभावित बायर्स की पसंद रेडी टू मूव इन
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स ने 2019 की पहली छमाही के लिए एक कन्ज्यूमर सेंटिमेंट सर्वे जारी किया था, जिसके मुताबिक डिमांड के लिहाज से 36 फीसदी संभावित बायर्स ने रेडी-टू-मूव-इन अपार्टमेंट को तरजीह दी। इसके बाद 24 फीसदी बायर्स ऐसी प्रॉपर्टी चाहते थे, जो 6 महीने में पूरी हो जाए।

तैयार फ्लैट में नहीं देना पड़ता GST
रुनवाल डिवेलपर्स के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर संजय डागा ने बताया, 'तैयार अपार्टमेंट में बायर्स की बढ़ी दिलचस्पी को इससे जोड़ कर देखा जा सकता है कि इनमें उन्हें जीएसटी नहीं देना पड़ता है। साथ ही इसमें निवेश करने को वे सुरक्षित समझते हैं क्योंकि उन्हें प्रॉजेक्ट और दूसरी सुविधाओं को देखने का मौका मिलता है। हम प्रीमियम और लग्जरी प्रॉपर्टीज के लिए सरल पेमेंट्स प्लान ऑफर कर रहे हैं, जो दो साल तक के लिए हैं।'
 

jyoti choudhary

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