हाईकोर्ट का आदेश, 67 मरीजों को 2 हफ्ते में 25-25 लाख रुपए दे जॉनसन एंड जॉनसन

Friday, May 31, 2019 - 01:21 PM (IST)

नई दिल्लीः हाईकोर्ट ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी को गुरुवार को निर्देश दिया है हिप इम्प्लांट करवाने वाले उन 67 मरीजों को 25-25 लाख रुपए का अंतरिम भुगतान किया जाए जिन्हें फिर से सर्जरी करवानी पड़ी थी। कोर्ट ने कहा है कि दावेदारों को दो हफ्ते में चेक दे दिए जाएं। अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी।

मरीज किसी मंच पर केस हारे तो भी कंपनी हर्जाना वापस नहीं ले सकेगी
कोर्ट के निर्देश से पहले कंपनी ने खुद कहा था कि वह मरीजों का वेरिफिकेशन कर चुकी है और हर्जाने के तौर पर 25-25 लाख रुपए का भुगतान करेगी। अदालत ने स्पष्ट किया है कि उसने विवाद की जांच नहीं की है। इसलिए अभी जो भुगतान किया जाएगा उससे मरीजों का और हर्जाना मांगने का अधिकार खत्म नहीं होगा। अगर कोई अन्य न्यायिक मंच 25 लाख रुपए से ज्यादा हर्जाने का फैसला देता है तो कंपनी को सिर्फ अतिरिक्त रकम देनी होगी।

अदालत ने यह भी कहा है कि प्रभावित मरीज किसी मंच के समक्ष अपना दावे में सफल नहीं रहते तो कंपनी स्वेच्छा से दिए जा रहे 25 लाख रुपए के रिफंड की हकदार नहीं होगी। दिल्ली हाईकोर्ट स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देश के खिलाफ जॉनसन एंड जॉनसन की अपील पर सुनवाई कर रहा था। मंत्रालय ने कंपनी से कहा था कि सभी प्रभावित मरीजों को हर्जाना दिया जाए। मंत्रालय ने जॉनसन एंड जॉनसन के हिप इम्प्लांट विफल रहने की जांच के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर हर्जाना देने के लिए कहा था।

जॉनसन एंड जॉनसन ने 2010 में हिप इम्प्लांट फेल होने की शिकायतों के बाद दुनियाभर के बाजारों से दोषपूर्ण हिप इम्प्लांट वापस मंगवाए थे। भारत में 2017 में सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों का पैनल गठित किया था।

289 ने की थी शिकायत
दोषपूर्ण कूल्हा प्रत्यारोपण उपकरण के मामले में 289 लोगों ने शिकायत की थी, जिसमें से 67 लोगों की पहचान की गई। इसी मामले में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO)  पहले ही कंपनी को 4 मरीजों को क्रमशः 65 लाख, 74 लाख, 1 करोड़ और 90.26 लाख रुपए का मुआवजा देने को कहा था। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने मरीजों के दस्तावेजों की पड़ताल करने के बाद कंपनी को मुआवजा देने को कहा है।
 

jyoti choudhary

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