ई-कॉमर्स पॉलिसी में बड़े बदलाव को समझे आसानी से, जानें कौन फायदे में-किसको नुकसान

Saturday, Dec 29, 2018 - 12:27 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः सरकार द्वारा बनाई गई नई नीति के कारण कई ई-कॉमर्स कंपनी का काम प्रभावित होगा। इस नीति के लागू होते कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही कि इसके कारण कइयों को नुकसान होगा, तो कईयो को फायदा होगा। इतनी अफवाहों के बीच हम आपको समझाएंगे कि इस नीति का सीधा असर कंपनियों पर कैसे होने वाला है।

ये है नई नीति की मुख्य बातें

  • नया नियम किसी ई-कॉमर्स कंपनी को उन सामानों की बिक्री अपने प्लैटफॉर्म से बेचने से रोकता है, जिनका उत्पादन वह खुद या उनकी कोई अनुषांगिक कंपनी करती हो। इतना ही नहीं, इसमें यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई वेंडर किसी पोर्टल पर ज्यादा-से-ज्यादा कितने सामान की बिक्री कर सकता है।
  • नई नीति में ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म्स पर किसी सप्लायर को विशेष सुविधा दिए जाने पर भी रोक लगाई गई है।
  • नई नीति के तहत कैशबैक, एक्सक्लूसिव सेल, ब्रैंड लॉन्चिंग, ऐमजॉन प्राइम या फ्लिपकार्ट प्लस जैसी विशेष सेवाएं या कार्यक्रम आदि पर रोक लगने जा रही है क्योंकि सरकार इन ऑनलाइन शॉपिंग प्लैटफॉर्म्स को सचमुच निष्पक्ष बनाना चाहती है।


इन्हें होगा नुक्सान

  • जाहिर सी बात है कि इस नीति के कारण ऐमजॉन, फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों को सबसे बड़ा झटका लगने वाला है। वे बड़े-बड़े डिस्काउंट ऑफर्स के जरिए ग्राहकों को लुभाने में कामयाब रहे हैं लेकिन, नया नियम लागू होने पर ऐसा संभव नहीं हो पाएगा।
  • नई नीति में इन्वेंटरी आधारित प्रावधानों को भी कठोर बनाया गया है। अगर किसी वेंडर की इन्वेंटरी की 25 प्रतिशत से ज्यादा की खरीद मार्केटप्लेस या इसकी ग्रुप कंपनियां करती हैं, तो उसे ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस के नियंत्रण की इन्वेंटरी ही माना जाएगा। इस प्रावधान से किसी ब्रैंड या सप्लायर किसी एक मार्केटप्लेस के साथ एक्लूसिवली नहीं जुड़ पाएंगे जैसा कि कई मोबाइल और वाइट गुड्स ब्रैंड्स करते रहे हैं।
  • चूंकि वेंडरों को ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म पर 25 प्रतिशत से ज्यादा प्रॉडक्ट्स की बिक्री से रोका गया है, इसलिए कई छोटे आंट्रप्रन्योर्स को झटका लगेगा, खासकर सीमित उत्पादों का कारोबार करने वालों को। इन छोटे वेंडरों को नई जरूरतें पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता बढ़ानी होगी और इन्वेंटरीज में निवेश करना होगा।
  • नई गाइडलाइंस का डिजिटल पेमेंट्स और व्यापक फिनटेक इंडस्ट्री पर अप्रत्यक्ष असर होगा। पक्षपातपूर्ण कीमत निर्धारण के खिलाफ नए प्रावधान ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म्स को खास प्रॉडक्ट्स या खास रिटेलर्स के लिए बैंकों एवं पेमेंट कंपनियों के साथ एक्सक्लूसिव पार्टनरशिप करने से भी रोक पाएंगे। ई-कॉमर्स पर नई नीति का असर विदेशी निवेश और नई नौकरियों पर भी पड़ेगा।





ये रहेंगे फायदे में

  • नई गाइडलाइंस का सबसे बड़ा फायदा सुई से सीमेंट तक बेचने वाली बड़ी कंपनियों को होगा। पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन मार्केटप्लेस ने इन कंपनियों को बड़ा झटका दिया था। अखिल भारतीय व्यापारी संघ ने सरकार की नई नीति का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स और मल्टिनैशनल कंपनियों ने भारत में खुदरा व्यापार पर नियंत्रण एवं दबदबे के लिए हर तरह की रणनीति अपनाई।
  • ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे महारथियों से टक्कर लेने के लिए जिन छोटी-छोटी ई-कॉमर्स कंपनियों के पास अपार संसाधन नहीं हैं, उनके लिए नई नीति किसी वरदान से कम नहीं।
  • ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स पर खास वेंडरों को विशेष सुविधाएं दिए जाने से परेशान छोटे विक्रेताओं के लिए खुशखबरी है। ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म पर लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग या इजी फाइनैंस ऑप्शन से संबंधित कोई सर्विस अब सभी विक्रेताओं को देना होगा, न कि किसी खास को। ई-कॉमर्स कंपनियां इन विशेष सेवाओं के लिए किसी थर्ड पार्टी सेलर से अतिरिक्त रकम नहीं वसूल सकतीं।

Isha

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