HDFC के चेयरमैन दीपक पारेख ने 9.37 लाख रुपए देकर सेबी के साथ मामले का निपटान किया

Saturday, Feb 06, 2021 - 04:37 PM (IST)

नई दिल्लीः आवास ऋण देने वाली कंपनी एचडीएफसी लि. के चेयरमैन दीपक पारेख ने पूर्व के सूचीबद्धता समझौते का अनुपालन नहीं करने से जुड़े प्रकरण में सेबी के साथ मामले का निपटान कर लिया है। पारेख ने आरोप स्वीकार या उससे इनकार किए बिना निपटान शुल्क के तौर पर 9.37 लाख करोड़ देकर मामले को समाप्त किया। 

मामला एचडीएफसी लिमिटेड द्वारा ग्लाइडर बिल्डकॉन रीयल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए ‘इंटर-कॉरपोरेट डिपॉजिट (आईसीडी) के संबंध में पारेख द्वारा पूर्ववर्ती लिस्टिंग समझौते का अनुपालन न करने से संबंधित है। यह पीरामल रीयल्टी प्राइवेट लि. समूह की कंपनी है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की जांच में पाया गया कि आईसीडी के अलावा दिसंबर 2014 में 875 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कर्ज सुविधा ग्लाइडर बिल्डकॉन को दिए जाने की मंजूरी दी गई थी। 

ग्लाइडर बिल्डकॉन के आग्रह पर बकाया आईसीडी को 750 करोड़ रुपए की कर्ज सुविधा में तब्दील कर दिया गया। इसके लिए कोई अतिरिक्त वितरण नहीं किया गया। सेबी के आदेश के अनुसार पारेख एचडीएफसी लि. के चेयरमैन और उस समिति के सदस्य थे, जिसने आईसीडी/कर्ज की मंजूरी दी थी। वह पीरामल रीयल्टी समेत पीरामल समूह के परामर्श बोर्ड में भी शामिल थे। उन्होंने समूह को जो सेवा दी, उसके एवज में कैलेंडर वर्ष 2011 से 2015 और वित्त वर्ष 2017 से 2018 के लिए परामर्श शुल्क भी लिया।

नियामक के अनुसार पूर्व सूचीबद्धता समझौते के तहत एचडीएफसी लि. ने अपने सभी निदेशकों और प्रबंधन स्तर के वरिष्ठ कर्मचारियों के लिए आचार संहिता बनाया हुआ है। हालांकि पारेख उस आचार संहिता का अनुपालन करने में विफल रहे जिससे पूर्व सूचीबद्धता समझौता का उल्लंघन हुआ। इस संदर्भ में सेबी ने उन्हें 4 दिसंबर, 2020 को नोटिस देकर मामले की सुनवाई शुरू करने की सूचना दी थी। साथ ही यह भी कहा था कि नोटिस प्राप्त करने के 30 दिनों के भीतर 9,37,500 रुपए के साथ आवेदन देकर इसका निपटान किया जा सकता है। 

jyoti choudhary

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