HC ने रिलायंस जियो के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने से परहेज के लिए कहा

Saturday, Jun 02, 2018 - 05:41 PM (IST)

नई दिल्लीः रिलायंस जियो ने सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) को कथित रूप से कुछ आपत्तिजनक और अपमानजनक वक्तव्य देने के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए अदालत में याचिका दायर की जिस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एसोसिएशन को रिलायंस जियो के खिलाफ ‘अपमानजनक’ टिप्पणी करने से बचने के लिए कहा है।

न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने सीओएआई और उसके महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज को रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड द्वारा दायर एक मुकदमे पर नोटिस जारी किया, जिससे उन्हें लगातार ‘‘दुर्भावनापूर्ण रूप से झूठी, अपमानजनक और बदनामीपूर्ण वक्तव्य’’ देने से रोकने के लिए मजबूर किया गया और कहा गया कि यह मामला प्राथमिक आधार पर दर्ज किया गया है।

मैथ्यूज और एसोसिएशन के वकील ने तर्क दिया कि जो भी टिप्पणियां की गई हैं वे ‘निष्पक्ष’ थीं और मानहानि की परिभाषा के दायरे में नहीं आती हैं। हालांकि, न्यायाधीश ने कहा कि ‘‘मुझे संदेह है कि क्या शब्द इस्तेमाल किए गए हैं उचित टिप्पणी के दायरे में आते हैं और इसलिए अभियोगी (जियो) पहला मामला बनाने में सक्षम रहा है और इस प्रकार प्रतिवादी (सीओएआई और मैथ्यूज) आवेदन पत्र के लिए 4 सप्ताह में लिखित बयान दर्ज करें।’’

इस बीच, अदालत ने कहा कि प्रतिवादी को वादी के खिलाफ ऊपर दिए गए ‘शब्दों’ की तरह अपमानजनक और बदनामीपूर्ण वक्तव्य देने से से बचना चाहिए। मामले को आगे की कार्यवाही के लिए अदालत ने 24 अगस्त को संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष सूचीबद्ध किया है।

इस मुकदमे में, रिलायंस जियो का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी द्वारा रिलायंस जियो ने कथित अवैध कार्रवाइयों और एसोसिएशन के दुर्भावनापूर्ण अभियान के कारण प्रतिष्ठा के नुकसान और ‘भारी व्यापार घाटे’ के लिए सामान्य और विशेष नुकसान की क्षतिपूर्ति की भी मांग की गई है। 

सीओएआई का गठन अपने सदस्यों के सामान्य और पारस्परिक हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया गया था जो लाइसेंस प्राप्त दूरसंचार सेवा प्रदाताओं हैं और दूरसंचार उद्योग के लिए आधिकारिक आवाज मानते हैं।

jyoti choudhary

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