आईटी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छंटनी न तो देखी और न ही सुनी: गोपालकृष्णन

Monday, Jun 05, 2017 - 06:13 PM (IST)

हैदराबादः आईटी क्षेत्र के एक विशेषज्ञ ने कहा है कि भारत के आईटी उद्योग में नई भर्ती एवं प्रोन्नति के मौके भले ही सिकुड़ गए हों लेकिन उन्हें बड़े पैमाने पर छंटनी की खबरों में कोई दम नजर नहीं आता। उन्होंने कहा कि वैसे जब वृद्धि धीमी हो जाती है तो नई भतियों एवं प्रोन्नतियों के अवसर कम हो जाना स्वभाविक घटना है।  

इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन ने कहा कि वृद्धिदर निश्चित ही धीमी हो गई है जिससे इस उद्योग में खासकर नई भर्ती के मौके घट गए हैं। बैंगलूर मुख्यालय वाली इस बड़ी कंपनी के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘आपको ऊंचे स्तर पर लोगों की जरूरत नहीं है क्योंकि उपर जगह खाली नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बड़े पैमाने पर छंटनी न देखी है और न उसके बारे में कुछ सुना है। वैसे प्रोन्नति प्रक्रिया हमेशा कड़ी रही है और मैं समझता हूं कि वह स्वत: ही होगी।’’  

ऑक्जिलर वेंचर्स के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘प्रोन्नतियां कड़ी होने जा रही हैं। (कार्य निष्पादन) मूल्यांकन और कड़ा होने जा रहा है।’’ लेकिन उनका कहना था कि एेसी चीज को इस क्षेत्र में स्वभाविक है तथा 2001 में इंटरनैट बुलबुला फटने और 2008 में वित्तीय संकट के चलते एेसा हुआ था। उन्होंने कहा कि आईटी क्षेत्र को कई कारक प्रभावित कर रहे हैं। अमरीका और यूरोप की अर्थव्यवस्था में मंदी है। वीजा के मोर्च पर अनिश्चितता है। 

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