अब रत्नों की भी होगी ‘हॉलमार्किंग’

Thursday, Sep 08, 2016 - 12:35 PM (IST)

नई दिल्ली: अगली बार जब आप ज्वैलरी शोरूम में हीरे, पन्ने और माणिक लेने जाएंगे तो आपको उस पर सरकार का प्योरिटी स्टांप लगा दिखेगा। नकली हीरे-जवाहरात पर रोक लगाने के लिए सरकार ने उसमें भी सोने की ‘हॉलमार्किंग’ जैसा उपाय शुरू कर दिया है। सरकार का कहना है कि इससे इंडियन जैम्स एंड ज्वैलरी पर ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा। अभी हीरे-जवाहरात की टैसटिंग और सर्टीफिकेशन के लिए कोई नियम नहीं है और इन दिनों ऑनलाइन ज्वैलरी स्टोर्स का तेजी से विस्तार हो रहा है। ऐसे में कॉमर्स विभाग ने इंडस्ट्री और एक्रिडिएशन बॉडीज के साथ मिलकर सरकारी लैब बनाने का प्लान बनाया है। यहां के सर्टीफिकेशन की पूरी दुनिया में मान्यता होगी।

बताते चलें कि देश में इनको सर्टीफाई करने वाले बहुत से प्राइवेट लैब कुकरमुत्ते की तरह उग आए हैं। प्राइवेट लैब जो सर्टीफिकेट जारी करते हैं, उनकी कहीं मान्यता नहीं होती है। यह भी एक तरह का फर्जीवाड़ा है जिसके चलते ग्राहकों का भरोसा टूटता है।

बन सकती है टैसिंटिग लैब भी

कॉमर्स डिपार्टमैंट (वाणिज्य विभाग) के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि ग्राहक जो हीरे-जवाहरात खरीद रहे हैं उनकी प्योरिटी का पता उनको जरूर हो। हमने ‘हॉलमार्किंग’ की तर्ज पर रंगीन जवाहरात के लिए टैसिंटिग लैब बनाने का सुझाव दिया है। अभी यह जानने का कोई फॉर्मल सिस्टम नहीं है कि कीमती जवाहरात की टैसिंटिग कैसे की जाती है। इसका पता नहीं होने से ग्राहक धोखा खा जाते हैं और उनको वाजिब रेट से ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ जाता है।’’

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