1 जनवरी से हॉलमार्क होंगे अनिवार्य

Saturday, Dec 10, 2016 - 11:53 AM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) ने आभूषण कारोबारियों को करारा झटका दिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधीन बीआईएस ने 1 जनवरी से तीन श्रेणियों के स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्क निशान जरूरी कर दिया है।

9 से 24 कैरेट में हॉलमार्क जरूरी नहीं
नए साल से देश के सभी आभूषण विक्रेताओं को 22, 18 और 14 कैरेट के आभूषणों में हॉलमार्क निशान लगवाने होंगे। फिलहाल उपभोक्ताओं के लिए 9 से 24 कैरेट शुद्धता वाले स्वर्ण आभूषण उपलब्ध हैं, लेकिन इनमें हॉलमार्क का निशान जरूरी नहीं है। संगठित आभूषण कारोबारी हॉलमार्क वाले 22 कैरेट स्वर्ण आभूषण और हीरे जड़े 18 कैरेट आभूषणों की बिक्री करते हैं। 

ग्राहक विभिन्न कैरेट में आभूषणों की मांग करते हैं, इसलिए आभूषण कारोबारी इन तीन श्रेणियों के अलावा विभिन्न कैरेट वाली कम से कम 7 अन्य श्रेणियों में आभूषण बेचते हैं। बीआईएस के अनुसार इन आभूषणों में हॉलमार्क के निशान जरूरी नहीं हैं, इसलिए अक्सर आभूषण कारोबारी और ग्राहकों के बीच आभूषणों को लेकर शिकायत होती है जिससे उनमें आपस का भरोसा कम हो जाता है।

बीआईएस ने जारी किए यह निर्देश
अगर आभूषण विक्रेता अपने आभूषणों में हॉलमार्क निशान चाहते हैं तो उन्हें इन्हें दोबारा गलाकर नए सिरे से आभूषण बनाने होंगे। इससे बीआईएस के हॉलमार्क संबंधी नए आदेश के बाद गुणवत्ता में बदलाव तो आएगा ही, आभूषण निर्माण की लागत भी बढ़ जाएगी। गुरुवार को बीआईएस ने आभूषण विक्रेताओं को नए दिशानिर्देश भेजे हैं। दिशानिर्देशों में कहा गया है, 'सोने और मिश्रित धातुओं का वर्गीकरण उनकी शुद्धता के आधार पर 22, 18 और 14 कैरेट में किया जाएगा। ये वर्गीकरण स्वर्ण आभूषणों और शिल्पकृतियों पर भी लागू होंगे। आभूषण एवं शिल्पकृतियां बनाने के लिए स्वर्ण मिश्रित धातुओं में कैडमियम और प्लेटिनम समूह की धातुओं की अधिकतम मात्रा क्रमश: 0.02 प्रतिशत और 0.02 प्रतिशत होगी।' संशोधित दिशानिर्देशें में बीआईस ने पुनर्जांच का प्रावधान भी किया है, जिसमें प्रति हजार 2 प्रतिशत नेगेटिव टॉलरेंस मान्य होगा। नए दिशानिर्देश के तहत 2 ग्राम से कम के आभूषण पर भी हॉलमार्क निशान लगाने होंगे जबकि पहले जारी नियमों में ऐसी कोई शर्त नहीं थी।   

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