H1-B वीजाधारकों का बढ़ेगा वेतन, भारतीय पेशेवरों को होंगे बड़े नुक्सान

Friday, Nov 17, 2017 - 02:33 PM (IST)

वाशिंगटनः अमरीका में भारतीय पेशेवरों को मिलने वाले अवसरों में भारी कमी हो सकती है। अमरीकी कांग्रेस ने एच-1बी वीजा नियमों पर सख्ती वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एच-1बी वीजा का सबसे अधिक इस्तेमाल भारतीय पेशेवर करते हैं। अमरीका की प्रमुख संसदीय समिति ने एच1-बी वीजाधारकों के न्यूनतम वेतन में बढ़ौतरी कर दी है। समिति ने एच1-बी वीजाधारकों का न्यूनतम वेतन 60,000 डॉलर (करीब 39 लाख रुपए) से बढ़ाकर 90,000 डॉलर (करीब 59 लाख रुपए) करने के विधेयक को मंजूरी दे दी है। इससे भारतीय पेशेवरों को फायदा होगा लेकिन साथ ही इस विधेयक में भारतीय आइटी पेशेवरों में लोकप्रिय एच1-बी वीजा में कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।

लगाई यह पाबंदी
अमरीकी संसद की न्यायिक समिति ने बुधवार को प्रोटेक्ट एंड ग्रो अमरीकन जॉब्स एक्ट (एचआर 170) को पारित किया। जरूरी कार्रवाई के लिए विधेयक को संसद के पूर्ण सदन के पास भेज दिया गया। अमरीकी राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से पहले विधेयक का इसी तरह का संस्करण सीनेट से पारित करना होगा। विधेयक में अमरीकी नागरिकों की जगह एच1-वीजा वाले कर्मचारी रखने पर नियोक्ताओं पर पाबंदी लगाई गई है। इसके अलावा एच1-बी वीजाधारकों को रखने के लिए अमरीकी श्रमिकों की छंटनी नहीं हो सकेगी। भारतीय आइटी कंपनियों के संगठन नैसकॉम ने इसका जोरदार विरोध किया है।

वीजा सख्ती से होंगे 2 बड़े नुक्सान
इस विधायक के कानून बनते ही दो सबसे बड़ी चीजें होंगी जिनसे भारतीय पेशेवरों को झटका लग सकता है। एच-1 बी वीजा पर निर्भर कंपनियां अमरीकी पेशेवरों की जगह पर एच-1बी पेशेवरों को नौकरी पर नहीं रख सकेंगी। इससे पहले एच-1बी पर निर्भर कंपनियों को इसकी छूट थी। वहीं इसके साथ ही जिन कंपनियों में एच-1बी पेशेवर काम करते हैं उनमें एच-1बी निर्भर और उनकी सहयोगी कंपनियों की छंटनी नीति को भी बढ़ा दिया गया है। यानी अमरीकी पेशेवरों की तुलना में ही एच-1बी वीजा पेशेवरों की भी छंटनी करनी होगी। 

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