GST पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला

Sunday, Aug 06, 2017 - 01:55 PM (IST)

नई दिल्लीः जीएसटी काउंसिल ने शनिवार को 19 सेवाओं की टैक्स दरें बदल दीं। इनमें टेक्सटाइल सेक्टर में मौजूदा जॉब वर्क रेट को 18% से घटाकर 5% करना भी शामिल है।  काउंसिल ने हर तरह के कपड़े पर होने वाले सभी काम पर लगने वाले टैक्स की दर घटाई है। दरअसल, टेक्सटाइल इंडस्ट्री कढ़ाई, बुनाई, रंगाई, छपाई, धुलाई, सिलाई, आयरन समेत कपड़ों से जुड़े अन्य सभी कामों पर टैक्स की दर घटाने की मांग कर रही थी।

खेती के उपकरण हुए सस्ते
खेती में काम आने वाले विभिन्न उपकरणों को सस्ता करने के लिये परिषद ने ट्रैक्टर के कुछ कल-पुर्जों पर भी जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने पर सहमति जताई है,  इसके साथ ही सरकारी कार्य अनुबंधों में भी इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा के साथ 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाएगा।परिषद ने 15 दिन के भीतर मुनाफाखोरी-रोधी उपायों और जांच समिति बनाने को भी सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी। यह समिति इस पर गौर करेगी कि जीएसटी दर में कमी किये जाने के बावजूद इसका लाभ उपभोक्ता तक पहुंचाया गया अथवा नहीं।

छूट प्राप्त सामान को ई-वे बिल के दायरे से रखा गया बाहर 
जेटली ने बताया कि जीएसटी से छूट प्राप्त सामान को ई-वे बिल के दायरे से बाहर रखा गया है।यह जीएसटी परिषद द्वारा इस संबंध में तैयार किए गए मसौदा नियमों में कुछ राहत दी गई है।

अगली बैठक में चावल मिलों के मुद्दे पर होगा विचार 
जीएसटी परिषद की अगली बैठक नौ सितंबर को हैदराबाद में होगी. इस बैठक में कई चावल मिलों के मुद्दे पर विचार किया जा सकता है. चावल मिलें अपने ब्रांड का पंजीकरण रद्द करवा रहीं हैं ताकि वह जीएसटी के तहत कर से बच सकें. दरअसल जीएसटी के तहत बिना ब्रांड वाले खाद्य उत्पादों को छूट मिली है जबकि ब्रांड और पैकिंग वाले खाद्य उत्पादों पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है।

अब नहीं होगा कोई चेक पोस्ट
जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद ने अखिल भारतीय स्तर पर ई-वे बिल को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी है। ‘‘अब कोई चेक-पोस्ट नहीं होगा। पूरी प्रक्रिया प्रौद्योगिकी से चलने वाली होगी और इसमें मानव हस्तक्षेप कम से कम होगा. आने वाले समय में इसकी समीक्षा की जाएगी।’’ राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि राज्य 15 दिन के भीतर अपनी अपनी जांच-पड़ताल समिति का गठन कर देंगे और केन्द्र भी इसी अवधि में अपनी स्थायी समिति गठित कर देगा। ये समितियां पहले मुनाफाखोरी को लेकर शिकायतें प्राप्त करेंगी।

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