GST के बाद नहीं चलेगी मुनाफाखोरों की सीनाजोरी, कैंसल होगा लाइसेंस

Wednesday, Jun 21, 2017 - 12:00 PM (IST)

नई दिल्लीः गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जी.एस.टी.) की दरें लागू होने के बाद जो कारोबारी टैक्स कम होने का फायदा ग्राहकों को नहीं पहुंचाएंगे उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। ऐसे लोगों पर नजर रखने और एक्शन के लिए नैशनल एंटी-प्रॉफिटिअरिंग अथॉरिटी बनाई जाएगी। आज इस बारे में सीबीईसी ने निर्देश जारी कर दिए हैं। जी.एस.टी. के बाद मुफाखोरी से निपटने के लिए 2 साल के लिए नैशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी बनेगी जो मुनाफाखोरों पर नजर रखेगी।

दर घटने पर भी कीमत नहीं घटाने पर रकम लौटाने के साथ ही कारोबारी को 18 फीसदी का ब्याज भी देना होगा। इसके अलावा जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो सकता है। इस तरह की शिकायत मिलने पर अथॉरिटी 3 महीने में फैसला सुनाएगी। बार-बार दोषी पाए गए तो जी.एस.टी. एक्ट के तहत सजा और जुर्माना भी संभव है और उनका लाइसेंस भी कैंसल हो सकता है।

प्रत्येक राज्य स्थानीय समस्याओं की जांच के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाएगा। शिकायत की शुरूआती जांच के लिए 2 महीने की सीमा तय की गई है। स्क्रीनिंग कमेटी अपने निष्कर्ष स्टैंडिंग कमेटी को भेजेगी। अगर शुरूआती नजर में मामला बनेगा तो उसे उपयुक्त जांच के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सेफगार्ड्स के पास भेजा जाएगा। डायरेक्टर जनरल 3 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट अथॉरिटी को देंगे। इसके बाद अथॉरिटी बहुमत से फैसला करेगी।
 

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