GST से महंगा होगा ये समान!

Wednesday, Apr 26, 2017 - 12:04 PM (IST)

नई दिल्ली: देश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) लागू होने के बाद विदेश से आयात होने वाला सामान महंगा होने की संभावना है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने इस बात के संकेत दिए हैं। अधिया ने कहा है कि जी.एस.टी. के प्रभाव में आने से आयात महंगा हो सकता है, हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि महंगे आयात का आम जनता पर सीधा असर पड़ेगा या नहीं लेकिन माना जा रहा है कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद मोबाइल फोन, इलैक्ट्रॉनिक सामान, विदेशी घडिय़ां, खिलौने व सोने जैसी कई आइटमों की कीमतों पर इसका असर पड़ सकता है। अधिया ने घरेलू बाजार में बनाए जाने वाले सामान की कीमतों में कोई वृद्धि न होने का दावा भी किया है।

बढ़ सकता है प्रॉपर्टी टैक्स और जनोपयोगी सेवा शुल्क
अधिया ने कहा कि निर्यात की जाने वाली वस्तुओं के लिए जी.एस.टी. में शून्य प्रतिशत कर होने से भारतीय निर्यातक कंपनियों को फायदा होगा। सस्ता होने के कारण उनके उत्पाद वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पद्र्धी होंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों को चुंगी तथा अन्य शुल्कों के रूप में मिलने वाले राजस्व का नुक्सान जरूर होगा। इसकी भरपाई के लिए संभव है कि वे प्रॉपर्टी पर टैक्स और जनोपयोगी सेवाओं के शुल्क बढ़ा दें। साथ ही स्थानीय निकायों द्वारा लगाए जाने वाले मनोरंजन कर को भी जी.एस.टी. में समाहित नहीं किया गया है। इससे भी उन्हें राजस्व प्राप्ति हो सकेगी।

महंगाई बढ़ने का खतरा नहीं 
जी.एस.टी. लागू करने वाले अन्य देशों में महंगाई बढ़ने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत में इससे महंगाई नहीं बढ़ेगी क्योंकि यहां पहले से ही बहुस्तरीय टैक्स प्रणाली मौजूद है। उन्होंने कहा कि जिन देशों में जी.एस.टी. लागू करने से महंगाई बढ़ी है वहां ऐसी एक स्तरीय टैक्स प्रणाली से बहुस्तरीय टैक्स प्रणाली अपनाने के कारण हुआ है। देश में वैल्यू एडिड टैक्स (वैट) लागू किए जाने के समय से ही बहुस्तरीय टैक्स प्रणाली है इसलिए इससे महंगाई बढ़ने का खतरा नहीं है। जी.एस.टी. में भी अनेक स्तरों पर टैक्स संग्रह होगा लेकिन यह एकल टैक्स होगा।

सोने के लिए होगी विशेष दर
अधिया ने यह भी कहा कि जी.एस.टी. में हीरे, सोने तथा अन्य कीमती धातुओं पर विशेष दरें लागू होंगी जिन पर फैसला बाद में किया जाएगा लेकिन हीरे, सोने तथा कीमती आभूषणों के लिए इस्तेमाल होने वाली अन्य धातुओं पर टैक्स की दर जी.एस.टी. के 4 स्लैबों से अलग होगी। उन्होंने बताया कि यह दर 2, 4 या 6 प्रतिशत कुछ भी हो सकती है जिसके बारे में फैसला बाद में किया जाएगा। बताते चलें कि जी.एस.टी. में टैक्स के 4 स्लैब तय किए गए हैं। पहला स्लैब 4 प्रतिशत, दूसरा 12 प्रतिशत, तीसरा 18 प्रतिशत और चौथा 28 प्रतिशत का है।

शराब तथा मनोरंजन टैक्स रहेंगे बाहर
शराब तथा स्थानीय निकायों द्वारा वसूले जाने वाले मनोरंजन टैक्स को पूरी तरह से जी.एस.टी. से बाहर रखा गया है जबकि तंबाकू के लिए विशेष प्रावधान करते हुए इसे जी.एस.टी. में रखने के बावजूद केंद्र सरकार को इस पर भारी उपकर लगाने की अनुमति दी गई है। राजस्व सचिव ने बताया कि पहले 5 वर्ष तक यह उपकर सांझा झोली में जाएगा जिससे राज्यों को होने वाले राजस्व नुक्सान की भरपाई की जाएगी। 

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